satya sai baba


सत्य सांईं बाबा ने अपने भक्तों से कहा था कि वे 96 साल की उम्र में देह त्याग देंगे। बाबा का 24 अप्रैल, रविवार को सुबह 7.40 बजे निधन हो गया। वर्तमान में प्रचलित अंग्रेजी केलेंडर के अनुसार उस समय उनकी आयु 85 साल थी।

हालाँकि बाबा के भक्तों का दावा है कि लूनर कैलेंडर के अनुसार बाबा का जब निधन हुआ तो उनकी उम्र 85 नहीं 96 साल थी। गौरतलब है कि दक्षिण भारत में लूनर केलेंडर को भी मान्यता दी जाती है।

एक भक्त ने बताया कि बाबा का जन्म 23 नवंबर 1926 को हुआ था और उन्होंने 24 अप्रैल 2011 को शरीर छोड़ा इस तरह वे 30834 दिन जिंदा रहे। लूनर कैलेंडर में एक माह में 27 दिन होते हैं और इस तरह उनकी उम्र 95 साल और 54 दिन थी। दक्षिण भारत में इस कैलेंडर को प्राचीन काल से ही मान्यता प्राप्त है।

सत्य सांईं के एक भक्त ने चार साल पहले की एक घटना को याद करते हुए कहा कि बाबा ने भक्तों से कहा था कि वे चांद पर दर्शन देंगे। हालांकि उस समय बादलों ने चांद को ढक लिया था और भक्त उस दृश्य को देखने से वंचित रह गए थे।

बाबा के एक भक्त का मानना है कि शिर्डी वाले सांईं बाबा ने सत्य साईं के जन्म समय की घोषणा की थी और सत्य सांईं बाबा उसी समय पैदा हुए थे। इसी प्रकार सत्य सांईं बाबा ने भी घोषणा की कि वे 2023 में मध्य कर्नाटक में कस्तूरी के गर्भ से प्रेम सांईं के नाम से फिर अवतार लेंगे। और अब हमें उनके उसी अवतार की प्रतीक्षा है। (वेबदुनिया न्यूज)

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लोकसेवा कार्यालयमा जानु कर्मचारीलाई सजाय
महोत्तरी समाचारदाता
जलेश्वर, वैशाख ५ गते । लोकसेवा आयोग जनकपुर अंचल कार्यालय जलेश्वरको हाताभित्र निर्माण गरिएको नवनिर्मित परिक्षा भवनको उदघाटन सोमबार एक समारोहका बीच आयोगका कार्यवाहक अध्यक्ष डा.कयो देवी यमीले गर्नुभएको छ ।
सदरमुकाम जलेश्वरमा रहेको सो कार्यालयको हाताभित्र एक कोठे परिक्षाभवन निर्माण गरिएको छ । जसको लागत १० लाख ४७ हजार ६३ रुपैया रहेको लोसेआ जनकपुरअंचल कार्यालयका निमित्त प्रमुख दिनेशचन्द्र साहले जानकारी दिनुभयो ।
उदघाटन कार्यक्रममा प्रमुख अतिथीको आसनबाट बोल्नु हुदै कार्यवाहक अध्यक्ष यमीले नेताहरु प्रति व्यंग्य गर्नुहुदै नेता बन्न पनि लोकसेवाले परिक्षा लिए राम्रो हुने धारणा राख्नुभयो । उहाँले नेपालमा एउटा थिती बसाउन लोकसेवा आयोगले महत्वपूर्ण भुमिका खेलेको स्मरण गर्नुहुदै देशको वर्तमान अवस्थाले चिन्ता बढाएको बताउनुभयो । उहाँले अप्रत्यक्ष रुपमा देशको थिती नेताहरुले विगारेको बताउनुहुदै भन्नुभयो, ‘ अब नेता बन्न लोकसेवा पास गर्नुपर्छ’ ।
उहाँले समावेशी, प्रवृद्धिहरुको प्रयोगहरुका कारण लोकसेवा प्रति सर्वसाधारणको आकर्षण बढदै गएको वताउनुहुदै भन्नुभयो, लोकसेवा अहिले सम्म निष्पक्ष भई निरन्तर कार्य गरेको कारण सर्वसाधारणको आकर्षण बढेको हो ।
सोही कार्यक्रममा आयोगका सदस्य राजेन्द्र प्रसाद शाहले कर्मचारीहरुको प्रवृति राम्रै ठाउँमा जाने, राम्रै मन्त्रालय रोज्ने रहेको वताउनुहुदै लोकसेवा आयोगमा जानु कर्मचारीहरुको लागि सजाय जस्तो भएको धारणा राख्नुभयो । उहाँले यस कार्यालयमा काम गर्नु बाहेक कहि कतैबाट आम्दानी नआउने भएकोले कर्मचारीहरुलाई यस कार्यालयमा आउनु सजाय जस्तै भएको दावी गर्नुभयो । उहाँले तराई क्षेत्रमा अहिले पनि लोकसेवा हाम्रो लागि होइन भन्ने मानसिकता रहेको वताउनुहुदै त्यो मानसिकतालाई हटाउन लोकसेवा आयोगले विशेष कार्यक्रम गर्नुपर्नेमा जोड दिनुभयो ।
जनकपुर अंचल कार्यालय जलेश्वरका निमित्त प्रमुख दिनेश प्रसाद साहको अध्यक्षतामा भएको कार्यक्रममा लोकसेवा आयोगका प्रशासन शाखा प्रमुख उपसचिव टिकाराम ज्ञवाली, प्रमुख जिल्ला अधिकारी तेजप्रसाद पौडेल, लगायतका वक्ताहरुले आ–आफ्नो मन्तव्य राख्नुभएको थियो ।

लोक मानवियता विर्सेर रहल

नागेन्द्रकुमार कर्ण MAHOTTARI
२०६८÷१÷४
सभहक दलान कार्यक्रमके लेल

वैशाख महिनाक असिनपसिन करबाला गर्मी, ओहीमे पश्चिम दिस सऽ उडबाला गरम बालु आ क्षण क्षणमे बदलैत मौसम, ककरो निक नै लगैत अछि । ओहुमे यदि नुकायबाला कोनो घर नै रहैय त कि दशा हायत अनुमान करनाई कठिन अछि । मुदा विधिके विधान एहन मौसम रहितो सम्बन्धित निकायके उदासिनताके कारणे महोत्तरीक हतिसर्वाके दलित बस्तीके दु दर्जन स वेशी परिवारके एहने अवस्था स अखैन ग्रुजरपडि रहल अछि । ओ सभ एखनुक समयमे मानविय संवेदना प्रकट करबाला कोनो निकाय नै रहल वतोवैत लोक सभ मानविय संवेदना विर्सेर गेल आरोप लगोने अछि ।
महोत्तरी जिल्लाक हतिसर्वा–९ झपौल टोलमे एक महिना आगा लागल आगलगीके कारण वेघर भेल ३२ परिवार अखैन धरि कोनो राहत नै पाबऽ सकल अछि । ओ सभ एक महिना स खुल्ला आकाशके निचा रहबाक लेल वाध्य अछि । रेडक्रस आ दैविक प्रकोप उद्धार समिति आगलगीके वाद तुरत राहत प्रदान करितो ओ पिडित सभके लेल उटके मुहँमे जिराके फोरैन सावित भ गेल अछि । फागुन ३० गते सोम दिन बेरियाके समयमे आगि लगला स महरा बस्तीके ३२ टा घर जरि गेल छल । पिडित सभके यथेष्ट राहत नै भेटला स ओकरा सभके जिवन अखैन नरकमय बनल अछि । कखनो बिहाडी अवैत अछि त ओही संगै पथ्थर सेहो बरसैत अछि । दिनमे तऽ गर्मीके बाते नहि ओहुमे जखैन नदीके धिप्पल वालु उडैत अवैत अछि त ओकरा सभके देह सिहरा दैत अछि । मुदा करब त कि, नहि दुध पिले स सुख नै माछ खयले स ’ जकाँ भगेल अछि जीवन ।
ओकरा सभके अखैन धरि नेपाल रेडक्रस सोसाइटी महोत्तरी शाखा एक एक टा त्रिपाल, बाल्टिन, किछ वर्तन भाडा, किछ कपडा वितरण कयने अछि त दैवी प्रकोप उद्धार समिति महोत्तरी १० क्विन्टल चाउर, २ क्विन्टल चुरा, १० किलो चिनी, १ क्विन्टल दाइल, स्वावीन, करुतेल आ एक बोरा आयोनुन मात्रै राहत स्वरुप वितरण कयने अछि ।
आगलागी स वेघर भेल स्थानीय विरजु महराके श्रीमती घटनास्थल पहुचल किछ पत्रकार आ मानवअधिकारकर्मी देख कऽ सब जरि गेल, किछ नै बाकी अछि, कोना क रहब बतोलैनि । विरजु घर बनेबाक लेल साउदी अरब स पठोने दु लाख रुपैया से हो आगिमे स्वाहा भगेल ओ बतोलैनि । ओ आब केनाकऽ घर बनायब आ रहब एकरे चिन्ता लागल बतोलैथि ।
ओही टोलमे रहल ४२ घर मे सऽ ३२ गोटेके खाद्यान्न, लत्ताकपडा, सब जरिगेल अछि । ओकरा सभके अखैन अपने लगोने कपडा आ रेडक्रस देने एकथान कपडा बाहेक किछ नै बाँकी अछि ।
ओही टोलमे रहि रहल एकल महिला मरनीदेवी आगलगी स चार दिन पहिने मात्रे घर बनोने वतोवैत ओ घर जरला स एखैन हम सभ वेसहारा बनल वतोलैनि । आँखी स नोर झारैत ओ घरमे कमाई बाला कोही नहि अछि, सात टा धियापुता अछि केना कऽ रहब आ केना क खायब इहे सोचिऽ सोचिऽ क विमार पडलागल बतौली । ओ कतेक दिन भुकले सुत परल बतोवैत अपने त उपवासो कलेव मुदा हमर छोट छोट धियापुता कहाँ जाइत, ओकरा सभके केना उपवास रखबै ? प्रश्न कयलि । ओ अखैन माँगि कऽ गुजारा कर परबाक अवस्था आयल बतौली ।
मरनी मात्रे टा नहि घर जरि कऽ वेसहारा भेल फेकन महराके श्रीमती रामवती देवी घरवाला कोनो काम नै करिरहल कहैत घर जरलावाद भुकले सुतऽ पडिरहल बतौली । ओ हमरा सभके देलगेल राहत दुईये दिनमे सकिगेल कहैत ओहीके वाद कोई नै देखऽ आयल वतोलैनि ।
फागुन ३० गते सोमदिन बेरियामे हतिसर्वा–९ झपौल टोलमे रहनिहार मदिकरण महराके घर स लागल आगलागि पुरे दलित वस्तीमे पसरल छल । मदिकरणके घरमे खाना बना रहल समयमे चुल्हा स आगि लागल छल । आगलगी स ३ लाख रुपैया नगद, एक दर्जन चौपाया, फर्निचर, अन्नपात, लत्ताकपडा क करिब एक करोड मोल बराबरके क्षति भेल छल ।
आगलगी स हतिसर्वा ९ रहनिहार महीकरण महरा, छठु महरा, रामप्रकाश महरा, रामअयोध्या महरा, श्रीप्रसाद महरा, रामअवतार महरा, असु महरा, महेन्द्र महरा ठुलो, दुखरा महरा, उपेन्द्र महरा, राहदेव महरा, सुकदेव महरा, विश्वम्भर महरा, राजन महरा, रामदेव महरा, सरोज महरा, विजु महरा, जय कुमार महरा, घवीद महरा, राज विशेर महरा, ताराचन महरा, हरीनारायण महरा, मालती देवी महरा, अशोक महरा, वासुदेव महरा, शिव महरा, महेन्द्रमहरा सानो, घुरन महरा, रामविलास महरा, अनुरोध महरा लगायतक घर जरल छल ।
सदरमुकाम जलेश्वर स करिब ४० किलोमिटर दुरीमे रहल ओही टोलमे अखैन खयबाक र रहबाक समस्या उत्पन्न भेल अछि । आगलगी स पिडित बनल जागेश्वर महरा रेडक्रस एउटा पाल देने अछि मुदा राति मे आयल बिहाडी, पानि आ पथ्थर स ओ नै थेग सकैत अछि ।
अग्नीपिडित स्थानीय सभ हमरा सभके सम्बन्धित निकाय रहबाक लेल मात्रे घर बनादेवाक माँग कयने अछि । पिडत स्थानीय युवा जागेश्वर महरा कहलैनि, ‘ हमरा सभके किछ नहि , घर मात्रै देत त भजाइत , हम सभ कमाइ के लेल सक्षम छी’ ।
आगलगी स खयबाक, रहबाक समस्या मात्रे टा नहि ओकरा सभके पहिचानके लेल रहल कागजात स सेहो जरि गेल अछि । नागरिकता बनेबाक लेल खटल टोलीमे नागरिकता बनौने ओ सभ अखैन ओ कागजात सभ के बनादेत एहिके सेहो खोजी क रहल अछि ।
एम्हर जिल्ला प्रशासन कार्यालय महोत्तरीक प्रशासकिय अधिकृत नागेन्द्र चौधरी ओकरा सभके दैवी प्रकोप उद्धार समितिद्वारा राहत देल गेल वतोलैनि । ओ एखैन सिडिओ साहब नै रहलाक कारणे ओ अओता त एहिके निर्णय कायल जायत जनतव देलैनि ।
दुःख लोकके स्वभावतः आक्रोशित बनादैत अछि । एहुमे दैविक प्रकोपमे परि वेघर भेल, दुःख पिडामे परल सभके राज्य संचालन करबाला निकाय नै देखैत अछि त वेश दुःख, आक्रोश आ पिडा होइत अछि । आ ओ आक्रोश आ पिडा जखैन माथ स उपर आबि जाइत अछि त ओ कोनो बाढीके रुप ललैत अछि आ एहि स कतेक तहस नहस होइत अछि तकर अनुमान करनाई कठिन भ जाइत अछि । ताईद्वारे सम्बन्धित निकायके एहि प्रति गम्भिर होनाई बड जरुरी भ गेल अछि । सम्बन्धित निकाय आ महोत्तरीमे रहि रहल संघसंस्था सभके तत्काले एहि प्रति सोचनाई बहुत जरुरी भ गेल अछि । आ राजनीतिकदल सभके सेहो एखुनक अवस्थामे ओकरा सभ प्रति ध्यान देनाई जरुरी अछि । ओही ठामक दृश्य देखला पर सम्बन्धित निकाय मानव प्रतिके सदाशयता विर्सेर गेल जकाँ महसुस होइत अछि । एक महिना भ चुकलाक वादो राज्य आ राज्य संचालन करबाला निकाय ओकरा सभ प्रति चाख नै रखने अछि । इ चाख नै रखनाई आ ओकरा सभके क्षतिपूर्ति नै देनाई मानवअधिकारके उल्लंघन अछि ।

लागु औषधसहित दुई पक्राउ

महोत्तरी समाचारदाता
जलेश्वर, बैशाख २ गते । लागु औषधसहित शुक्रवार महोत्तरीको बर्दिवासमा दुई जनालाई पक्राउ गरिएको छ ।
पक्राउ पर्नेमा बर्दिवास –१ का कमलराज न्यौपाने र गुञ्जनारायण श्रेष्ठ रहेका छन् । उनीहरुको साथबाट प्रहरीले ५२ वोतल कोरेक्स र ४ सय ३६ ओटा स्पास्मो प्रोक्सिम ट्याबलेट वरामद गरिएको कुरा इलाकाप्रहरी कार्यालय बर्दिवासका प्रही निरीक्षक लालगोबिन्द श्रेष्ठले वताए ।
उनीहरुले बर्दिवास क्षेत्रमा लागुऔषध विक्रि वितरण गर्ने गरेको सुराकीका आधारमा घरमा छापा मारी उनीहरुलाई प्रहरीले पक्राउ गरेको हो । पक्राउ परेकाहरुलाई शुक्रवारनै आगुऔषध विक्रि वितरण गरेको कसुरमा म्याद थपका लागि जिल्ला अदालत महोत्तरीमा पेश गरिने प्रहरीले जनाएको छ ।
न्यौपानेलाई यसअघि पनि लागु औषध सहित पक्राउ परी जिल्ला अदालत महोत्तरीले धरौटीमा रिहा गरेका थिए ।

पोखरीमा डुवेर एकै साथ ५ वालिकाको मृत्यु

महोत्तरी समाचारदाता
जलेश्वर, वैशाख २ गते । सिमावर्ती मधवापुरमा एकै टोलका ५ बालिकाको मृत्यु भएपछि सिंगै गाउँ नै शोकमग्न हुन पुगेको छ । महोत्तरी जिल्लाको सिमावर्ति नाका मटिहानी नजिकै रहेको भारतीय गाउँ मधवापुरमा शुक्रबार दिउँसो पोखरीमा नुहाउन गएको ५ बालिकाको डुवेर मृत्यु भए पछि शोकमा सिंगै गाउँ नै डुबेको छ ।
शुक्रबार सिमावर्ती मधवापुर स्थित एक पोखरीमा नुहाउन गएका बेला बालिकाहरुको डुबेर मृत्यु भएको हो ।
मृत्यु हुनेमा भारत विहारको मधवापुर प्रखण्ड अन्तर्गत पर्ने रामपुर गाउका इस्लामटोल घर भएका मोहम्मद हैदर राईनको छोरीद्वय वर्ष १८ कि इसरत खातुन र १३ वर्षिया नसीमा खातुन ,सोहि ठाउँका हनिफ राईनको छोरीद्वय १३ वर्षिया गुलनाज खातुन र ११ वर्षिया सहनाज खातुन र जनिफ राईनको ९ वर्षिया छोरी हसिना खातुन रहेका छन ।
शुक्रबार दिउँसो मधवापुर स्थित सशस्त्र प्रहरी वेश क्याम्पको नजिकै रहेको पोखरीमा नुहाइ रहेको बखत ति बालिकाहरुको डुवेर मृत्यु भएको स्थानियवासीहरुले बताएका छन ।
पौडी खेल्न नजान्ने ती बालिकाहरु पोखरीमा रहेको पानिको गहिराई थाहा नपाई नुहाउन खोजे पछि डुवेर उनीहरुको ज्यान गएको हुन सक्ने प्रहरीको अनुमान रहेको छ । बढदो गर्मीसंगै व्याकुल भएका बालिकाहरु नुहाउनका लागि पोखरीमा पसेका थिए ।
उनीहरुको शव पोष्टमार्टमाका लागि मधवापुर स्थित अस्पतालमा राखिएको भारतीय प्रहरीले जनाएको छ ।
एक साथै ५ जना बालिकाको मृत्यु भए पश्चात सो इस्लामटोल मात्रै होइन नेपाली मटिहानीका स्थानीय पनि शोकाकुल बनेका छन् । मृतकका वुवा आमा र आफन्तहरु रुदाँरुदैं मुर्छा पर्ने गरेको स्थानियहरुले बताए ।

कतै सफल कतै असफल सुपथ मूल्यका पसल tnepal.net

(दीपक खनाल)
काठमाडाँ १६ भदौ । गोरखा जिल्ला मिरकोट गाविस–८ की अमृता थापा घरमा चिनी, चियापत्ती, साबुन, टुथपेस्टजस्ता दैनिक आवश्यकताका सामान सकिनासाथ पुगिहाल्छिन् घरदेखि १५ मिनेट टाढा रहेको ‘सहिद दिदी सुपथ मूल्य सहकारी पसल’मा ।
यो पसल खुल्नु पहिले उनी सधँ हरेक सामान निजी पसलबाट किन्ने गर्थिन् । अहिले भने उनी अरू पसल जान्नन् । किनभने उनी आफूलाई चाहिने सामान सुपथ मूल्य पसलबाट सुपथ मूल्यमै पाउँछिन् ।


मूल्यमा अनावश्यक बहस गरिरहन नपर्ने र आफूलाई ठगिएको महसुस नहुने भएकाले सुपथ मूल्य पसलमा नै सामान किन्दा आफूलाई ढुक्क हुने उनको अनुभव छ ।


अमृता मात्र होइन, यो गाविसका धेरैजसो उपभोक्ता यही पसलबाट उपभोग्य सामग्री किन्ने गर्दछन् । उनीहरू यी पसलमै जानुको कारण पनि अमृताकै जस्तो छ ।


सरकारले आर्थिक वर्ष २०६५÷०६६ मा उपलब्ध गराएको रु. एक लाखमा सो गाविसका ९५ घरपरिवारले रु. पाँच–पाँचसय थपेर एकवर्ष पहिले खोलेको सो सुपथ मूल्य पसल अहिले सबैको प्रिय बनेको छ । यद्यपि एकीकृत नेकपा माओवादीको सरकारकापालामा आएको कार्यक्रम भएकाले र एकीकृत माओवादीका स्थानीय कार्यकर्ताको बढी सक्रियतामा खोलिएकाले कसै–कसैले यो पसललाई ‘माओवादी पसल’ पनि भन्ने गरेको सो क्षेत्रका उपभोक्ता बताउँछन् ।


तत्कालीन अर्थमन्त्री डा.बाबुराम भट्टराइले देशभरका तीन हजार ९१५ गाविस र प्रत्येक नगरपालिका क्षेत्रमा ३० हजार जनसङ्ख्यामा एक– एकवटा गरी सुपथ मूल्य सहकारी पसल खोल्न रु. एक–एक लाखका दरले रकम दिने कार्यक्रम ल्याएका थिए ।


यसका लागि रु. ४० करोड विनियोजन गरिएको थियो । यसमा आर्थिक वर्ष २०६५÷०६६ मा तीन हजार २१९ वटा सुपथ मूल्यका सहकारी पसल सञ्चालन गर्ने गरी रु. ३२ करोड ६३ लाख रकम खर्च भएको थियो ।
सोही रकमका आधारमा आर्थिक वर्ष २०६६÷०६७ मा रु. आठ करोड ४० लाख विनियोजन गरिएकोमा ३१२ वटा संस्थालाई रु. एक लाखको दरले रु. तीन करोड १२ लाख निकासा गरिएको र बाँकी रु. पाँच करोड २८ लाख रकम अझै निकासा हुन नसकेको कृषि तथा सहकारी मन्त्रालय सहकारी विभागले हालै सार्वजनिक गरेको वार्षिक प्रगति प्रतिवेदन–२०६६ मा उल्लेख छ ।


सुपथ मूल्य सहकारी पसल नियमावली, २०६५ मा सहकारी पसल सञ्चालन गर्न केन्द्रमा कृषि तथा सहकारीमन्त्रीको अध्यक्षतामा उच्चस्तरीय समन्वय समिति र जिल्लास्तरमा जिल्ला विकास समितिको सभापतिको अध्यक्षतामा जिल्ला पसल सञ्चालन तथा अनुगमन समिति गठन गर्ने व्यवस्था गरिएको थियो ।
स्थानीयस्तरमा यस्ता पसल सञ्चालन गर्न चाहने सहकारी संस्था दर्ता गर्ने अधिकार अस्थायीरूपमा तीन महिनाका लागि सम्बन्धित जिल्लाको प्रमुख जिल्ला अधिकारीलाई प्रदान गरिएको थियो ।


सोही कार्यक्रमअनुसार मनाङ जिल्लामाबाहेक बाँकी सबै ७४ जिल्लामा गरी चार हजारमध्ये तीन हजार २६३ वटा सुपथ मूल्य पसल खोलिएका छन् । यी पसल देशका धेरैजसो जिल्लामा प्रभावकारी बनेको र केही जिल्लामा प्रभावकारी बन्न नसकेको सहकारी विभागले जनाएको छ ।


सहकारी विभागका रजिष्ट्रार सुदर्शनप्रसाद ढकाल तराई र हिमालीभन्दा पहाडी जिल्लामा खोलिएका सुपथ पसलहरू बढी राम्ररी चलेको बताए ।


उनका अनुसार तराईका कतिपय जिल्लामा केही आपराधिक समूहले समेत यी पसल खोल्न सरकारले उपलब्ध गराएको बजेट दुरूपयोग गरेको पाइएको छ ।


यद्यपि सरकारले उपलब्ध गराएको रु. एक लाख रकममा रु. १० लाख थपेर जुम्ला जिल्लाका जनताले सदरमुकाम खलङ्गामा आफ्नै भवन समेत निर्माण गरेर पसल चलाएको उदाहरण दिँंदै रजिष्ट्रार ढकाल थप्छन ‘सबै ठाउँमा राम्रो सबै ठाउँमा नराम्रो नभनौं, आधा राम्रो, आधा नराम्रो भनौं ।’


डिभिजन सहकारी कार्यालय, धनकुटाका प्रमुख बेनी केसी आफ्नो जिल्लाका ३५ गाविस र एउटा नगरपालिकामा रहेका एक एकवटा गरी ३६ वटा सुपथ मूल्य सहकारी पसलहरू निकै प्रभावकारी बनेको जिकिर गरे । उनका अनुसार पूर्वाञ्चलका तेह्रथुम, सङ्खुवासभा र भोजपुरमा खोलिएका सबै पसलहरू निकै प्रभावकारी बनेका छन् ।
देशका ३८ वटा जिल्लाका डिभिजन सहकारी जिल्ला कार्यालयका प्रमुखमध्ये धेरैजसोले यी पसल प्रभावकारी बनेको बताउँदै सरकारले थप रकम विनियोजन गर्नुपर्नेमा जोड दिएका थिए ।


यता डिभिजन सहकारी कार्यालय बाग्लुङका प्रमुख विष्णु सुवेदी धौलागिरि अञ्चलमा रहेका यस्ता पसल खासै प्रभावकारी बन्न नसकेको अनुभव सुनाउछन ।


उनका अनुसार कतिपयले ‘माओवादी पसल’ भनिदिँंदा, एकीकृत माओवादीका कार्यकर्ताले आफ्नै पार्टीको पसलजस्तो ठानिदिँंदा, सहकारीको भावनाअनुसार पसल व्यवस्थापन नहुँदा र अरू पसल जस्तो उधारोमा नचल्ने हुँदा यी पसल सोचेजस्तो प्रभावकारी बन्न नसकेका हुन् ।


नियन्त्रण र निर्धारित मूल्य हुने भएकाले यी पसल निम्नस्तरका जनताका लागि भने नभै नहुने सुवेदीको भनाइ छ ।
उनको विचारमा सरकारले विगतमा खोलेका ८३० जति पुराना सहकारी पसललाई समेत महत्व दिएमा यस्ता पसल निकै प्रभावकारी बन्न सक्ने छन् । रजिष्ट्रार ढकाल विभागको आफ्नै कार्यालय भएको जिल्लाका सहकारी पसल राम्ररी चलेको र कार्यालय नभएका ठाउँमा भने सोचे अनुसार चल्न नसकेको पाइएको अनुभव सुनाउछन । कार्यालय नभएका ठाउँमा अनुगमनको अभावले पनि समस्या आएको पाइन्छ ।


अर्काेतिर निजी क्षेत्रका व्यापारीसँग प्रतिस्पर्धा गर्नुपर्ने भएकाले यी पसल चल्न गाह्रो भएको केहीको गुनासो छ । निजी व्यापारीले एकैचोटी सामान किनी ‘स्टक’ राखेर पछि महँगोमा बेच्दछन् तर सुपथ पसललाई भने सामान किन्नै धौधौै भएकाले गरिब जनताको पक्षमा काम गर्न नपाएको गुनासो गर्छन यसैक्षेत्रमा संलग्न गोरखाका कृष्णप्रसाद द्यौराली ।
एकीकृत नेकपा माओवादीको कृषि तथा सहकारी विभागका केन्द्रीय सदस्य केशवप्रसाद नेपाल पनि सरकारले थप अनुदान नछुट्ट्याएकाले यी पसलहरू ‘मर्नु न बाँच्नु’को स्थितिमा पुगेको देख्छन ।


एकीकृत नेकपा माओवादीको सरकारका पालामा सहकारीलाई वित्तीय, उपभोक्ता र उत्पादनसँग जोडेर सुपथ पसलमार्फत जनतालाई राहत दिने कार्यक्रम ल्याउने योजना हुँदाहुँदै पूरा हुन नपाएको बताउँदै उनले भने ‘यो सरकारले पूर्वाग्रही नभई यी पसलहरूलाई व्यवस्थित बनाउन ठोस नीति ल्याउनुपर्छ ।’


सहकारी विभागका रजिष्ट्रार ढकालको विचारमा पनि प्रमुख जिल्ला अधिकारीको नेतृत्वमा स्थानीय विकास अधिकारी र प्रहरी प्रमुखसहितको अनुगमन संयन्त्र बनाइएमा, जिल्ला सहकारी संघहरूबाट थोकमूल्यमा सस्तो मूल्यका सामान उपलव्ध, सहकारीले नै वस्तु उत्पादन, सरकारले थप बजेट निकासा र सरल कर्जा (सस्तो ब्याजदर) मा ऋण उपलव्ध गराएमा यी पसलहरू अझ प्रभावकारी बन्न सक्नेछन् ।


उनिहरुजस्तै यस क्षेत्रमा क्रियाशील व्यक्तिहरू र न्यून आर्थिक स्तर भएका लाखौं उपभोक्ताहरू केन्द्रीय भण्डारणमार्पmत वस्तु आपूर्ति सहज भएमा, यी पसलको उचित नियमन र अनुगमन गरिएमा, सामानको गुणस्तर, शुद्धता र तौलको नियमित नापजाँच भएमा, मूल्यमा एकरूपता ल्याइएमा र थप बजेट निकासा गरिएमा सुपथ मूल्यका पसलहरू प्रभावकारी बन्नेमा ढुक्क छन् ।

दाईजो कै कारण श्रीमानबाट अलग saptari 23 Aug.10

Written by तराई नेपाल
शुभ नारायण यादव
सप्तरी,०६ भादौ ।
छोरीलाई बिबाहपछि राम्ररी पालन पोषण गर्ने आशाले छोरीका हात आफ्ना ज्र्वाको हातमा राखेर एक लाख रुपैया आठ आना सुन र बिभिन्न सरसामान दहेज सहित अन्जुका आमा बुबाले छारीको बिबाह गरेर पठाएका थिए । सुखको आशा गरेकी मन्जुले बिबाह पछि आशु नझारी खान पाईनन तयो पनि आधा पेट । अन्जुकी कान्छी छोरी सातबर्षकी छन ।


तर दाईजो नल्याएको भन्दै अन्जुले श्रीमानबाट आँखामा भुस खादीदिने खानामा गिटी बालुवा खन्याई दिने खाना बनाउदा चुल्लो भत्काएको कुरा सम्झदै मन्जु बोल्दा बोल्दै भक्कानो फुटाएर रुदै भन्छिन मन्जु सुखको दिन कहिल्यै आएन ।


उनी अगाडी भनिछन जहिले देखि मेरो बिबाह भयो तहिले देखि मलाई कहिल्यै राम्ररी राखेन दाईजो लिएर आईज अनि बस्न दिन्छु भनदै सधै दारु भाङ खाएर मलाई पिट्थ्यो । नत नागरिकता बनाई दिन्छ न त केही गरि दिन्छ कुट्छ पिट्छ जा पैसा लिएर आईज माईतीबाट अनि मात्र राख्छ भन्छ । बिबाह गरेर नै जीबन गुजारा गरिरहेकी छु तीन जन छोरा छारी भईसके तर अझै पनि साडीमा ब्लेड ले काटी दिनछ ।।खाना पकाउदा चुद्यहो फुटाई दिन्छ खानामा गिटी पथ्थर हालि दिन्छ । आँखामा भुस हाली दिन्छ । नागरिकता बनाई माँग्दा कुट्छ पिट्छ बस्न दिन्द तलाई मैले बिबाह गरेको छैन भन्छ । मैले तँ संग बच्चा जन्माएको छैन । पैसालिएर आईज अनि राख्छु भन्छ । कति पैसा लिएर आउन भन्नु हुन्छ ।


एक लाख रुपैया गनेर मेरो बिबाह भएको छ । मेरो बुबा पनि मरिसक्नु भयो अब फेरी एक लाख रुपैया कहाबाट ल्याएर दिनु अनि म त्यस घरमा बस्नु तीन वटा बच्चा भईसके अब म कहा जाँउ फेरी माईतीबाट एक लाख दहेज ल्याएपछि बस्न दिन्छु भन्टछक्। तरो बुबाले बिबाहमा दिएको पैसा त मेरो बुबालाई दिएको छ मलाई दिएको छैन अब मलाई दिनु पर्छ यस्तै मन मनसन्की कुरा गर्छ बिबाह भएको प्रमाण देखा बच्चा जन्माएको प्रमाण देखा भन्छ । म तलाई राख्दिन भन्छ । र म धेरै बर्ष देखि माईतीमा छु ।


बिबाह भएको चार बर्ष भयो तर सुकुमार कुमारी शाह हहिले पनि माईतीमा नै बस्न बाध्य छन ् । दाईजो माँग गर्दै सुकुमार कुमारी लाई ससुरा पक्षले बच्चा पेटमा भएको समयमा नै घरबाट निकालिदियो । कारण हो दाईजो बिबाहमा एक लाख रुपैया र तीन तोला सुन सरसमान दिए पनि जग्गा माँग गर्दै ससुरा पक्षले घरमा बस्न दिएनन् । बिबाह भएको तीन महिना देखि यातना शुरु भयो अनि नौ महिना भएपछि पेटमा भएको बच्चा समेत मार्छु भनेर यातना दिन थाले पछि सुकुमार कुमारी चारबर्षदेखि माईतीमा नै बसेको बताउछीन सुमार कुमारी शाह सुकुमार कुमार कुमारी शाहको आवाज


शाह क्बिलाषा गाबिस वडा नंबर तीन बस्ने शैलेन्द्र शाहसंग मेरो बिबाह भएको दाईजोमा मेरो बुबाले एक कठा जग्गा सुन तीन तोला र सामान थ्यो अनि बिहे पछि फेरी तीन तोला सुन एक लाखरुपैया र एक कठा जग्गा मागेको थ्यो बिबाह पछि तैले दाईजो ल्याईनस भने के गर्छु भननु हुन्थ्यो दाईजो ल्याईनस भने तेरो पेटको बच्चा राजबिराज लगेर मारिदिन्छु अपरेसनन गरेर झिकी दिन्छु मारि दिन्छु त्यसैले बाबुसंग छिटो गएर पैसाा माँगेर लिएर आईज भन्थ्यो धम्की दिन्थ्यो बच्चा हुने टाईममा मलाई मेरो श्रीमानले आदिबाटोमा लगर छोडी दियो अनि म माईती गएर बसे दाईजो कारणले म मात्र होईन म ेरो देउरानी संग बिबाह गरेको मेरो देवरले पनि देउरानीसंग छोडपत्र गरेको छ ईन्डियाको सुपौलबाट प्रेम बिबाह गरीन सन्जनले सप्तरीको इनर्वामा तर माँगेर बिबाह गरेको भए पाँच सात लाख दाईजो आउने थियो भन्दै ससु ा सासु नन्दले सन्जनलाई यातदिन थालेै । पटक पटक अपहरण गर्न मान्छे लगाएबिबाह भएको सात दिनदेखि नै सन्जनको श्रीमानलाई ससुरा पक्षले गायब गराएका छन ्। श्रीमान कहाँछ थाहा छैन बिहे गरेको पाँच बर्ष बिति सक्दा पनि सात लाख दाईजो ल्याए मात्र बस्न दिने भन्छन दाइजोका कारण सन्जनले धेरै यातना भोगेकी छन ।

उनी आखाभरी आसु पार्दै रुदै भन्छिन –मैले लब म्यारिज बिबाह गरेकाले दहेज पाएनन् । त्यसैले मलाई धरै दुख दिन्छन् । मलाई अपहरण गर्न मान्छे पठाए धेरै पिट्छन ् । एक पटक धेरै पिटे अनि म अस्पतालमा भर्ना भए अनि उनीहरुलाई पनि ठानामा थुने । अनि उसको लागी केही गर्छे ज्यानको जिम्मेवारी लिन्छु भन्यो तर केही गर्दैन न त ज्यानको जिम्मेवारी लिन्छ नत खान खर्च केही दिदैन न त घरमा बस्न दिन्छन ् । न त नागरिकता बनाई दिन्छछ बिबाह लब म्यारिज गरेकाले एिनौ बिबाह पछि मेरी एउटी ननद छन ् । क् उनलाई हामीले फोन गरेर आउदै छौ भन्योैत्उसपछि ननद रुन थालिन सासु ससुरा सब रुन थाले किन दाईजो नलिई बिबाह गरेको भनन थाले तैले यसलाई राखिस भने बिष खाएर मर्छु तैले दाइजाबिना बिबाह गरि भनदै सबै रुन थाले उसैको र्बनीको कारणले मेरो श्रीमान अहिले सम्म बेपता छ मलाई पनि केही हेर्दैन ।


हाल सप्तरीका २० महिला मध्ये एक महिला दाईजोबाट पिडित छन ् ।सप्रीको बिष्हरियाकी रेखा चौधरीको पिडा पनि उस्तै छ । छ रेखाको पनि सात बर्ष अघि बिबाह भयो सुनसरीको पच्मि कुसाहामा मागे जति दाईजो नल्याएको भन्लै रेखालाई सासु ससुरा र श्रीमानले यातना दिन थाले पेटमा बच्चा हुदा सुत्केरी गराउने पैसा माईतीबाट लिएर आईज नत्र तेरो बच्चा मारि दिन्छै भन्थे रेखाको सासु ससुराले माईती जाँदै पिच्छे बिबाहमा कम दाईजो ल्याएको भन्दै पाँच हजार दश हजार दाइजो माँग गरे अन्त्यमा पेटमा भएको बचलाई नै मारिदिने भने पछि रेखाले ससुरको घर छोडिन र सात बर्ष दखि माईतीमा नै छन ।


उनी अगाडि भन्छिन् ः–मलाई दहेज ४५ हजार माँगेको थियो त्यसमा बुबाको भनाई अनुसार २५ हजार दिनु भएको उनीहरुको भनाई अनुसार १५ हजार मात्र दिएको छ भन्छ । तेरो बुबाले दाईजो दिएन भन्दै कुटपीट गर्छन् ।गाली गलौज गर्छन ् । बुबासंग पैसा मागेर लिएर आईज भन्छ । बुबा पनि किड्नीको बिरामी हुनुहुन्थ्यो । पैसाा पनि दिन सक्नु भएन कुनै पटक दश हजार कुनै पटक पाँच हजार लिएर लिएर आईज भन्थ्यो । बच्चा पेटमा हुदा जा पैसा लिएर आईज तलाई बिना अपरेन बच्चा हुदैन जा पैसा लिएर आईज अनि हुद मात्र घरमा बस्नु भन्थ्यो । यस्तै यातना दिन थाल्यो अनि म पेटमा बच्चा ै माईत आएर बस्न थाले माईतीमा नै छोरा भयो बचलाई मारिदिन्छु भन्न थालो र म ६ बर्ष देखि माईतीमा नै बस्छु तर मेरोभाईले भन्यो म कमाउने भएपछि मेरो बुबाले ४५ हजार रुपैया दिन्छु भन्नु भएको भएको छ भने म एकान्न हजार रुपैया दिन्छु भनो । तर उनीहरुले मानेनन् ।


यता आफु संग पैसा र पहुच नभएकोले कतै आफुलाई परेको अन्यायका बिरुद्ध केश नदिएको बताउन रेखाले प्रहरीलाई जाहेरी दिनु भएन ? मेरो कुनै प्रमाणै छैन । न बिबाह दर्ता छ । प्रमाणै नभएकाले मैले कही पनि केश दिएको छैन । गाँउलेहरुले मलाई भर गएको बेला केश दे म पनि सहयोग गर्छु भने तर म संग त्यति पैसा पनि छैन केश दिनको लागी नजिक भएको भए त म हिडेर पनि जान सक्थे । तर त्यहा त जान आउन दुई सय रुपैया लाग्छ फेरी मेरा े बुबा भाई पनि हुनु हुन्न । नकसैलाई मैले चिनेकी छु एउटा बिधुवा आमा हुनु हुन्छ । फेरी सानो छोरालाई छोडेर कहा जाने एक्लै ।संस्थाको पहलमा दाईजो घटनामा कमी आएको बताउनु हुन्छ महिला हिंसा सम्बन्धी काम गर्ने संथा हुेक सप्तरीकी उपाध्यक्ष उमा पोख्रेल संस्थाले संचालन गरेको पारालिगल प्रोग्रामले ३३ गाबिस र एक नगरपालिकाका महिलामा लुकेर बसेका महिला माथि भएका घटना बाहिर ल्याउन थालेको बताउनु हुन्छ ।यस्ता घटनामा बोल्नसक्ने कुरा उठाउने हिम्मत आएको बताउनु हुन्छ उमा पोखरेल ।



तराईमा भनौ न झा बाहुन देब जी यसमा चाहि दहेज प्रथा भनेको भयङ्कर ठूलो रोग हो जसको ईलाज हुदैन जो अन्तिममा मर्छ नै । त्यस्तो किसिमको रोग हो यो एउटा दहेजलाई जतिसुकै चाहेर पनि उन्मुलन गर्न खोज्यौ होईन बिभिन्न संघ संस्था हामी पनि त्यसै बिरुद्ध लागी परेका छै । केही कमी आएको छ तर यो चाहिने यसलाई सम्पूर्ण रुपले निकनलेर फ्याक्न अझै २५ , ३० बर्ष लाग्छ । सप्तरी जिल्लामा महिलाको उपरमा भने कुनै एनजीओ थिएन पारा लिगल पोग्राम जब आयो अनि महिला र बालबालिकाको क्षेत्रमा नै काम गर्ने भनेर संस्था भनेर महिला दिदि बहिनी थाहा पाए पछि यस्ता कुरा जो दाइजो कुटपीट रेप केश धेरै यस्ता बिबाद थिए ती कुरा पहिला लुकेको अबस्थामा थिए यी केश हरु अब सुन्ने ठाँउ छ पोख्ने ठाँउ छ भन्ने थाहा पाएपछि वहाहरुले उठाउन थाल्नु भएको छ ती गाबिसका महिलाहरुले धेरै नजानेका मबझेका महिलाको मुखमा आवाज आएको छ । हामीले न्याय पाउछौ भन्ने कुरामा बिश्वास भएका छौ ।


तराईमा झा बाहुन र देबजी समुदायमा दाईजो लेनदेन धेरै हुन्छ भन्नु हुन्छ कानुन ब्यबसायी उमाशंकर देब एसएलसी पास गरेको केटालाई पाँच लाख रुपैया रेट नै जस्तो भएको छ जति पढाई बढ्दै जान्छ त्यति नै रेट पनि बढ्दै जाने बताउनु हुन्छ उमा शंकर देब ।

देबले अहिले समाजमा सबभन्दा ठूलो बिक्रिती दहेज छ यहाँ दहेजले जरा गाडी सकेको छ । यो मधेशी समुदायमा यहा एस एल सी पास गर्ने केटा भयो भने त्यसको रेट पाँच लाख रुपैया फिक्स भई सकेको हुनछ । गोरु ज्स्तै यहा मान्छे खरिद बिक्री हुन्छ ।एउटाले पाँच लाख दिउो भने देखि अर्कोले ६ लाख दिन खोज्छ । यहा दाईजो कै कारण महिलाहरु ीहंसामा परेका छन ् । देबजी समुदायमा सबभन्दा बढी दहेज लेनदेन हुन्छ । कसैले दहेजमा कार दिन्छ कार दियो भने मेरो छोरा पनि ईन्जीनियर हो मलाई पनि कार चाहियो भनेर डिमान्ड हुन्छ । डाक्टर इन्जीनियर भयो भने १६ देखि २० लाख रुपैया सम्म रेट छ ।


एम बी बिएस केटाले त नपढेकी केटी बिबाह गर्दैन पढेकी केटी भए पनि दाम त्यही हो । रेट त्यही हो पढे लेखेकी केटी भए पनि त्यसको बुबाले केटालाई दहेज दिनै पर्छ ।


दाईजोबाट जति पिडित भए पनि उजुरी गर्न प्रशासनमा कोही जाने गरेकाले चलनकै रुपमा सबैले स्वीकारेकाले पनि यो सम्स्या बढ्दै गएको बताउनु हुन्छ उमा शंकर जसले जे गरे पनि हुने र कानुनी राज्य नभएकाले यस्ता घटनामा बृद्धि भएको बताउनु हुन्छ देब ।


हुन त दाईजो कम गर्नका लागी राज्यले नै कडा कानुन बनाएर कडाईका लागु गर्ने हो भने मात्र दहेज लेनदेनको अन्त्य अनि महिला हिंसामा कमी आउने देखिन्छ ।

दाईजो कै कारण श्रीमानबाट अलग saptari 23 Aug.10


Written by तराई नेपाल
शुभ नारायण यादव
सप्तरी,०६ भादौ ।
छोरीलाई बिबाहपछि राम्ररी पालन पोषण गर्ने आशाले छोरीका हात आफ्ना ज्र्वाको हातमा राखेर एक लाख रुपैया आठ आना सुन र बिभिन्न सरसामान दहेज सहित अन्जुका आमा बुबाले छारीको बिबाह गरेर पठाएका थिए । सुखको आशा गरेकी मन्जुले बिबाह पछि आशु नझारी खान पाईनन तयो पनि आधा पेट । अन्जुकी कान्छी छोरी सातबर्षकी छन ।


तर दाईजो नल्याएको भन्दै अन्जुले श्रीमानबाट आँखामा भुस खादीदिने खानामा गिटी बालुवा खन्याई दिने खाना बनाउदा चुल्लो भत्काएको कुरा सम्झदै मन्जु बोल्दा बोल्दै भक्कानो फुटाएर रुदै भन्छिन मन्जु सुखको दिन कहिल्यै आएन ।


उनी अगाडी भनिछन जहिले देखि मेरो बिबाह भयो तहिले देखि मलाई कहिल्यै राम्ररी राखेन दाईजो लिएर आईज अनि बस्न दिन्छु भनदै सधै दारु भाङ खाएर मलाई पिट्थ्यो । नत नागरिकता बनाई दिन्छ न त केही गरि दिन्छ कुट्छ पिट्छ जा पैसा लिएर आईज माईतीबाट अनि मात्र राख्छ भन्छ । बिबाह गरेर नै जीबन गुजारा गरिरहेकी छु तीन जन छोरा छारी भईसके तर अझै पनि साडीमा ब्लेड ले काटी दिनछ ।।खाना पकाउदा चुद्यहो फुटाई दिन्छ खानामा गिटी पथ्थर हालि दिन्छ । आँखामा भुस हाली दिन्छ । नागरिकता बनाई माँग्दा कुट्छ पिट्छ बस्न दिन्द तलाई मैले बिबाह गरेको छैन भन्छ । मैले तँ संग बच्चा जन्माएको छैन । पैसालिएर आईज अनि राख्छु भन्छ । कति पैसा लिएर आउन भन्नु हुन्छ ।


एक लाख रुपैया गनेर मेरो बिबाह भएको छ । मेरो बुबा पनि मरिसक्नु भयो अब फेरी एक लाख रुपैया कहाबाट ल्याएर दिनु अनि म त्यस घरमा बस्नु तीन वटा बच्चा भईसके अब म कहा जाँउ फेरी माईतीबाट एक लाख दहेज ल्याएपछि बस्न दिन्छु भन्टछक्। तरो बुबाले बिबाहमा दिएको पैसा त मेरो बुबालाई दिएको छ मलाई दिएको छैन अब मलाई दिनु पर्छ यस्तै मन मनसन्की कुरा गर्छ बिबाह भएको प्रमाण देखा बच्चा जन्माएको प्रमाण देखा भन्छ । म तलाई राख्दिन भन्छ । र म धेरै बर्ष देखि माईतीमा छु ।


बिबाह भएको चार बर्ष भयो तर सुकुमार कुमारी शाह हहिले पनि माईतीमा नै बस्न बाध्य छन ् । दाईजो माँग गर्दै सुकुमार कुमारी लाई ससुरा पक्षले बच्चा पेटमा भएको समयमा नै घरबाट निकालिदियो । कारण हो दाईजो बिबाहमा एक लाख रुपैया र तीन तोला सुन सरसमान दिए पनि जग्गा माँग गर्दै ससुरा पक्षले घरमा बस्न दिएनन् । बिबाह भएको तीन महिना देखि यातना शुरु भयो अनि नौ महिना भएपछि पेटमा भएको बच्चा समेत मार्छु भनेर यातना दिन थाले पछि सुकुमार कुमारी चारबर्षदेखि माईतीमा नै बसेको बताउछीन सुमार कुमारी शाह सुकुमार कुमार कुमारी शाहको आवाज


शाह क्बिलाषा गाबिस वडा नंबर तीन बस्ने शैलेन्द्र शाहसंग मेरो बिबाह भएको दाईजोमा मेरो बुबाले एक कठा जग्गा सुन तीन तोला र सामान थ्यो अनि बिहे पछि फेरी तीन तोला सुन एक लाखरुपैया र एक कठा जग्गा मागेको थ्यो बिबाह पछि तैले दाईजो ल्याईनस भने के गर्छु भननु हुन्थ्यो दाईजो ल्याईनस भने तेरो पेटको बच्चा राजबिराज लगेर मारिदिन्छु अपरेसनन गरेर झिकी दिन्छु मारि दिन्छु त्यसैले बाबुसंग छिटो गएर पैसाा माँगेर लिएर आईज भन्थ्यो धम्की दिन्थ्यो बच्चा हुने टाईममा मलाई मेरो श्रीमानले आदिबाटोमा लगर छोडी दियो अनि म माईती गएर बसे दाईजो कारणले म मात्र होईन म ेरो देउरानी संग बिबाह गरेको मेरो देवरले पनि देउरानीसंग छोडपत्र गरेको छ ईन्डियाको सुपौलबाट प्रेम बिबाह गरीन सन्जनले सप्तरीको इनर्वामा तर माँगेर बिबाह गरेको भए पाँच सात लाख दाईजो आउने थियो भन्दै ससु ा सासु नन्दले सन्जनलाई यातदिन थालेै । पटक पटक अपहरण गर्न मान्छे लगाएबिबाह भएको सात दिनदेखि नै सन्जनको श्रीमानलाई ससुरा पक्षले गायब गराएका छन ्। श्रीमान कहाँछ थाहा छैन बिहे गरेको पाँच बर्ष बिति सक्दा पनि सात लाख दाईजो ल्याए मात्र बस्न दिने भन्छन दाइजोका कारण सन्जनले धेरै यातना भोगेकी छन ।

उनी आखाभरी आसु पार्दै रुदै भन्छिन –मैले लब म्यारिज बिबाह गरेकाले दहेज पाएनन् । त्यसैले मलाई धरै दुख दिन्छन् । मलाई अपहरण गर्न मान्छे पठाए धेरै पिट्छन ् । एक पटक धेरै पिटे अनि म अस्पतालमा भर्ना भए अनि उनीहरुलाई पनि ठानामा थुने । अनि उसको लागी केही गर्छे ज्यानको जिम्मेवारी लिन्छु भन्यो तर केही गर्दैन न त ज्यानको जिम्मेवारी लिन्छ नत खान खर्च केही दिदैन न त घरमा बस्न दिन्छन ् । न त नागरिकता बनाई दिन्छछ बिबाह लब म्यारिज गरेकाले एिनौ बिबाह पछि मेरी एउटी ननद छन ् । क् उनलाई हामीले फोन गरेर आउदै छौ भन्योैत्उसपछि ननद रुन थालिन सासु ससुरा सब रुन थाले किन दाईजो नलिई बिबाह गरेको भनन थाले तैले यसलाई राखिस भने बिष खाएर मर्छु तैले दाइजाबिना बिबाह गरि भनदै सबै रुन थाले उसैको र्बनीको कारणले मेरो श्रीमान अहिले सम्म बेपता छ मलाई पनि केही हेर्दैन ।


हाल सप्तरीका २० महिला मध्ये एक महिला दाईजोबाट पिडित छन ् ।सप्रीको बिष्हरियाकी रेखा चौधरीको पिडा पनि उस्तै छ । छ रेखाको पनि सात बर्ष अघि बिबाह भयो सुनसरीको पच्मि कुसाहामा मागे जति दाईजो नल्याएको भन्लै रेखालाई सासु ससुरा र श्रीमानले यातना दिन थाले पेटमा बच्चा हुदा सुत्केरी गराउने पैसा माईतीबाट लिएर आईज नत्र तेरो बच्चा मारि दिन्छै भन्थे रेखाको सासु ससुराले माईती जाँदै पिच्छे बिबाहमा कम दाईजो ल्याएको भन्दै पाँच हजार दश हजार दाइजो माँग गरे अन्त्यमा पेटमा भएको बचलाई नै मारिदिने भने पछि रेखाले ससुरको घर छोडिन र सात बर्ष दखि माईतीमा नै छन ।


उनी अगाडि भन्छिन् ः–मलाई दहेज ४५ हजार माँगेको थियो त्यसमा बुबाको भनाई अनुसार २५ हजार दिनु भएको उनीहरुको भनाई अनुसार १५ हजार मात्र दिएको छ भन्छ । तेरो बुबाले दाईजो दिएन भन्दै कुटपीट गर्छन् ।गाली गलौज गर्छन ् । बुबासंग पैसा मागेर लिएर आईज भन्छ । बुबा पनि किड्नीको बिरामी हुनुहुन्थ्यो । पैसाा पनि दिन सक्नु भएन कुनै पटक दश हजार कुनै पटक पाँच हजार लिएर लिएर आईज भन्थ्यो । बच्चा पेटमा हुदा जा पैसा लिएर आईज तलाई बिना अपरेन बच्चा हुदैन जा पैसा लिएर आईज अनि हुद मात्र घरमा बस्नु भन्थ्यो । यस्तै यातना दिन थाल्यो अनि म पेटमा बच्चा ै माईत आएर बस्न थाले माईतीमा नै छोरा भयो बचलाई मारिदिन्छु भन्न थालो र म ६ बर्ष देखि माईतीमा नै बस्छु तर मेरोभाईले भन्यो म कमाउने भएपछि मेरो बुबाले ४५ हजार रुपैया दिन्छु भन्नु भएको भएको छ भने म एकान्न हजार रुपैया दिन्छु भनो । तर उनीहरुले मानेनन् ।


यता आफु संग पैसा र पहुच नभएकोले कतै आफुलाई परेको अन्यायका बिरुद्ध केश नदिएको बताउन रेखाले प्रहरीलाई जाहेरी दिनु भएन ? मेरो कुनै प्रमाणै छैन । न बिबाह दर्ता छ । प्रमाणै नभएकाले मैले कही पनि केश दिएको छैन । गाँउलेहरुले मलाई भर गएको बेला केश दे म पनि सहयोग गर्छु भने तर म संग त्यति पैसा पनि छैन केश दिनको लागी नजिक भएको भए त म हिडेर पनि जान सक्थे । तर त्यहा त जान आउन दुई सय रुपैया लाग्छ फेरी मेरा े बुबा भाई पनि हुनु हुन्न । नकसैलाई मैले चिनेकी छु एउटा बिधुवा आमा हुनु हुन्छ । फेरी सानो छोरालाई छोडेर कहा जाने एक्लै ।संस्थाको पहलमा दाईजो घटनामा कमी आएको बताउनु हुन्छ महिला हिंसा सम्बन्धी काम गर्ने संथा हुेक सप्तरीकी उपाध्यक्ष उमा पोख्रेल संस्थाले संचालन गरेको पारालिगल प्रोग्रामले ३३ गाबिस र एक नगरपालिकाका महिलामा लुकेर बसेका महिला माथि भएका घटना बाहिर ल्याउन थालेको बताउनु हुन्छ ।यस्ता घटनामा बोल्नसक्ने कुरा उठाउने हिम्मत आएको बताउनु हुन्छ उमा पोखरेल ।



तराईमा भनौ न झा बाहुन देब जी यसमा चाहि दहेज प्रथा भनेको भयङ्कर ठूलो रोग हो जसको ईलाज हुदैन जो अन्तिममा मर्छ नै । त्यस्तो किसिमको रोग हो यो एउटा दहेजलाई जतिसुकै चाहेर पनि उन्मुलन गर्न खोज्यौ होईन बिभिन्न संघ संस्था हामी पनि त्यसै बिरुद्ध लागी परेका छै । केही कमी आएको छ तर यो चाहिने यसलाई सम्पूर्ण रुपले निकनलेर फ्याक्न अझै २५ , ३० बर्ष लाग्छ । सप्तरी जिल्लामा महिलाको उपरमा भने कुनै एनजीओ थिएन पारा लिगल पोग्राम जब आयो अनि महिला र बालबालिकाको क्षेत्रमा नै काम गर्ने भनेर संस्था भनेर महिला दिदि बहिनी थाहा पाए पछि यस्ता कुरा जो दाइजो कुटपीट रेप केश धेरै यस्ता बिबाद थिए ती कुरा पहिला लुकेको अबस्थामा थिए यी केश हरु अब सुन्ने ठाँउ छ पोख्ने ठाँउ छ भन्ने थाहा पाएपछि वहाहरुले उठाउन थाल्नु भएको छ ती गाबिसका महिलाहरुले धेरै नजानेका मबझेका महिलाको मुखमा आवाज आएको छ । हामीले न्याय पाउछौ भन्ने कुरामा बिश्वास भएका छौ ।


तराईमा झा बाहुन र देबजी समुदायमा दाईजो लेनदेन धेरै हुन्छ भन्नु हुन्छ कानुन ब्यबसायी उमाशंकर देब एसएलसी पास गरेको केटालाई पाँच लाख रुपैया रेट नै जस्तो भएको छ जति पढाई बढ्दै जान्छ त्यति नै रेट पनि बढ्दै जाने बताउनु हुन्छ उमा शंकर देब ।

देबले अहिले समाजमा सबभन्दा ठूलो बिक्रिती दहेज छ यहाँ दहेजले जरा गाडी सकेको छ । यो मधेशी समुदायमा यहा एस एल सी पास गर्ने केटा भयो भने त्यसको रेट पाँच लाख रुपैया फिक्स भई सकेको हुनछ । गोरु ज्स्तै यहा मान्छे खरिद बिक्री हुन्छ ।एउटाले पाँच लाख दिउो भने देखि अर्कोले ६ लाख दिन खोज्छ । यहा दाईजो कै कारण महिलाहरु ीहंसामा परेका छन ् । देबजी समुदायमा सबभन्दा बढी दहेज लेनदेन हुन्छ । कसैले दहेजमा कार दिन्छ कार दियो भने मेरो छोरा पनि ईन्जीनियर हो मलाई पनि कार चाहियो भनेर डिमान्ड हुन्छ । डाक्टर इन्जीनियर भयो भने १६ देखि २० लाख रुपैया सम्म रेट छ ।


एम बी बिएस केटाले त नपढेकी केटी बिबाह गर्दैन पढेकी केटी भए पनि दाम त्यही हो । रेट त्यही हो पढे लेखेकी केटी भए पनि त्यसको बुबाले केटालाई दहेज दिनै पर्छ ।


दाईजोबाट जति पिडित भए पनि उजुरी गर्न प्रशासनमा कोही जाने गरेकाले चलनकै रुपमा सबैले स्वीकारेकाले पनि यो सम्स्या बढ्दै गएको बताउनु हुन्छ उमा शंकर जसले जे गरे पनि हुने र कानुनी राज्य नभएकाले यस्ता घटनामा बृद्धि भएको बताउनु हुन्छ देब ।


हुन त दाईजो कम गर्नका लागी राज्यले नै कडा कानुन बनाएर कडाईका लागु गर्ने हो भने मात्र दहेज लेनदेनको अन्त्य अनि महिला हिंसामा कमी आउने देखिन्छ ।

पुरानो र मौलिक पर्व जुडशितल


पुरानो र मौलिक पर्व जुडशितल
नागेन्द्र कुमार कर्ण
हरेक दिनको बिहानीले पर्वैे पर्व निमत्याउने जगतजननी माँ जानकीको पवित्रभुमि मिथिलाञ्चलमा हरेक दिन कुनै न कुनै पर्व रहने गरेको छ । नववर्षको आरम्भ संगै मिथिलाञ्चलमा पर्वको शुरुवात हुन्छ र सो पर्व सालभरि चलि नै रहन्छ । मिथिलाञ्चलमा मनाईने हरेक पर्व त्योहारले कुनै न कुनै रुपमा गहन सन्देश दिने गरेको पाईन्छ । यस्तै गहन सन्देश दिने पर्वको रुपमा नयाँ वर्ष आरम्भमै मिथिलाञ्चलबासीले सतुवाईन पर्व मनाउने गर्छन भने सो को भोलीपल्ट अर्थात वैशाख २ गते जुडशितल पर्व मनाउने गर्छन । परापूर्वकालदेखि नै मनाईदै आएको यो पर्व मिथिलाञ्चलको मौलिक र पुरानो पर्व मानिन्छ । जुडशितललाई शाब्दिक अर्थमा हेर्ने हो भने “ शितल जलले जुडाउनु” हुन जान्छ । तर यसको लाक्षणिक अर्थ त्यत्तिकैमा मात्रै सिमित छैन । नववर्षको प्रारम्भमा एक अर्काको उत्तरोत्तर प्रगतीको कामना गदै ग्रिटिंग्स बाँडने अत्याधुनिक पश्चिमी सभ्यतालाई मुँहतोड जवाफ दिने शक्ति राखेको छ हाम्रो यो मौलिक एवै प्राचिनतम पर्वले । आरम्भ राम्रो भएको कामको अन्त्य पनि राम्रो हुने मान्यता रहेको हाम्रो समाजमा नववर्षको आरम्भमै मिठो—मिठो खानेकुरा खाने, खुवाउने, राम्रो लुगा लगाउने अनि खराब बानी सुधार्ने संयोगको रुपमा यो पर्व रहेको पाईन्छ । यी सबै कुराको पूनरावृत्ति दर्शाउने संयोग भएको यो पर्वको आफ्नै मौलिक पहिचान र विशिष्टता रहेको छ ।
जुडशितल पर्वका दिन अर्थात वैशाख २ गते सुर्योदय भन्दा धेरै अगावै घरका मान्यजनहरुले आफु भन्दा सानालाई टाउकोमा पानी हाली (जुडाईं) दिर्घायु एवं स्वस्थ्य रहने आर्शिवाद दिने गर्छन । टाउकोमा पानी जुडाउनुको अर्थ टाउको शितल रही राम्रो राम्रो काम गर्नु हो । अर्थात टाउको शितल भएपछि मान्छेको कम्प्युटर रहेको दिमाग पनि शितल हुन्छ र शितल दिमागले गराएको काम जहिले पनि राम्रो र विकाशसिल काम हुन्छ । के गरम दिमागले झै—झगडा र विनाश मात्रै निम्त्याउदैनन् र ? अति क्षति हुने एवं मानव सभ्यता नै सखाप पार्न तम्तयार हुने युद्ध गरम दिमागकै उपज होईन र ? त्यसैकारणले मान्यजनले त्यस्तो विनाश नमित्याउन भन्ने हेतुले टाउकोमा शितल जल जुडाउने गरेको पाईन्छ । त्यो पनि सुर्योदय भन्दा धेरै अगाडी भन्नुको तात्पर्य विहानको हावा निर्मल र स्वच्छ हुने गर्छ जसका कारण मानिस स्वस्थ र निरोगी रहने गर्दछ । त्यसैले होला चिकित्सकहरुले विरामीहरुलाई विहान केही क्षण हिडडुल गर्नै सल्लाह दिने गर्छन । यो स्वस्थय, दिर्घजीवि र निरोगी रहने सन्देश समेत यो पर्वले दिने गरेको पाईन्छ । त्यसपश्चात घरका सदस्यहरुले पानी लिई आफुले लगाएको वा आफ्नो स्वामित्वमा भएको वोटविरुवाको जरामा पनि पानी हाली वोटविरुवालाई स्वस्थ्य राख्ने गर्छन । जसका कारण वोटले फल संगै शुद्ध अक्सिजन समेत दिने गर्छन भन्ने मान्यता रहेको छ । त्यसैगरी दिवंगत भएका आफ्ना कुटुम्ब र आफन्तजनहरुको समाधिस्थलमा समेत पुगी आर्शिवाद लिने चलन रहेको छ । यसैदिन पिउने कुवाको पानी र हिलोलाई समेत सफा गरी शुद्ध बनाईने गरिन्छ । यसदिन मिथिलाञ्चलबासीले दाल,भात,वरी,कठी,आँपको चटनी लगायतका परिकारहरु खाई रमाईलो गर्ने गर्छन । यसैदिन सल्हेश मन्दिर भएको ठाउँमा भव्य मेलाको आयोजना तथा पुजापाठ गरिने गरिन्छ ।
विगतको तुलनामा यो पर्व अहिले संकुचित हुदै गएका छन । जथाभावी हिलो लछारपछार गर्ने गर्छन भने आफ्नो मौलिकता भन्दा भिन्नरुपमा यो पर्व मनाउने गर्छन तर अहिले पनि मिथिलाञ्चलका गाउँहरुमा यो पर्वको रौनकता हेर्न सकिन्छ । नयाँवर्षको आरम्भमै मनाईने ई पर्वहरु वास्तवमा मिथिलाञ्चलको गहनाको रुपमा मानिने गरिन्छ ।

सवारी दुर्घटनामा २० घाइते , छ को अवस्था गम्भिर

महोत्तरी समाचारदाता
जलेश्वर, चैत २९ गते । पूर्वपश्चिम राजमार्ग अन्र्तगत महोत्तरीको माइस्थानमा मंगलवार भएको सवारी दुर्घटनामा २६ जना घाइते भएका छन् । घाइतेमध्ये छ जनाको अवस्था गम्भिर रहेको छ ।
काठमाण्डौंबाट काकडभिट्टा जाँदै गरेको मुनाल यातायातको ना ४ ख ४८२४ नम्बरको बस अनियन्त्रित भई माइस्थान – ३ मा पल्टिदाँ सो दुर्घटनामा परेको हो ।
दुर्घटनामा परी गम्भिर घाइते हुनेहरुमा काठमाण्डु बौद्ध–६ बस्ने बबिता लामा, तेह््रथुम हाइकु –१ अमृता लिम्बु, सप्तरी पोर्ताहा –८ का सुन्दरदेवि सदा, इलाम बाघु –९ बस्ने धनकुमारी लिम्बु, ललितपुर –१४ बस्ने बटाल लिम्बु, बाँके कोहलपुर –८ बस्ने शंकर ओली,रहेका छन् । यीमध्ये बबिताको उपचार विराटनगर, शंकरको उपचार काठमाडौ अन्य चारको उपचार वीपी कोइराला स्वास्थ्य विज्ञान प्रतिष्ठान धरानमा भईरहेको प्रहरीले जनाएको छ । उनीहरुको अवस्था चिन्ताजनक रहेको वताइएको छ । अन्य घाइते २० जनाको बर्दिबासमा रहेको होप बर्दिबास अस्पतालमा उपचार भैरहेको छ । दुर्घटनापछि चालक फरार रहेकोले चालकको खोजी भैरहेको जिल्ला ट्राफिक प्रहरी कार्यालय महोत्तरी जनाएको छ ।

न्यायका लागि एक महिला भौतारिदै

महोत्तरी समाचारदाता
जलेश्वर, चैत २८ गते । रक्षक नै रक्षा गर्न नसकेपछि कहाँ जाने ? अहिले यस्तै प्रश्न गुनगुनाउँदै महोत्तरीकी एक महिला न्यायका लागि भौतारि रहेकी छिन् ।
महोत्तरी जिल्लाको भारतीय सीमावर्ती भिठ्ठामोरस्थित प्रहरी चौकी मैं पिटिएर थिलथिलो भएकी जलेश्वर–१२ की रेणु साह अहिले न्यायका लागि एक हप्तादेखि सदरमुकाम जलेश्वरमा चाहारी रहे पनि अहिले सम्म उनलाई न्याय भेटन सकेको छैन. । अहिले उनी आफुलाई न्याय भेटला भन्ने आशा समेत मारीसकेकी छिन् ।
आफ्नै पति रामनन्दन साहसंग घरायसी कुरामा भनाभन हुँदा सिमा नाका भिठामोड स्थित अस्थायी प्रहरी चौकी झिकाइएकी रेणुलाई प्रहरीकै सामुन्ने त्यहीका केही मानिसले मरनासन्न हुने कुटपिट गरेका थिए । उनले उनीहरुको विरद्ध जिल्ला प्रहरी कार्यालयमा उजुरी गरेपनि एक हप्ता भै सक्दा पनि उजुरी दर्ता हुन सकेको छैन् । प्रहरीले सो घटनामा संलग्न कसैलाई पक्राउ समेत गर्न सकेको छैन् । पिडित रेणुले कुटपिट गर्ने क्रममा प्रहरीले रक्षा गर्नुपर्नेमा उल्टै मुकदर्शक बनेको बताइन ।
आफुलाई सार्वजनिकस्थलमै प्रहरीका सामु लछारपछार पारेर कुटपिट गरे विरुद्घ जिल्ला प्रहरी कार्यालयमा उजुरी दिदा दत्र्ता सम्म नगरेर प्रहरी अधिकृतहरुले फर्काइदिएका पिडित रेणुले आफ्ना शरीर भरीका निलडाम देखाउदै बताइन् । उनले भक्कानिदै भनिन् रक्षक नै भक्षक भएपछि न्याय भेट्छु भन्ने आशा नै छैन्’ ।
दिउँसो नै जलेश्वर–१२ भिठ्ठामोरका सञ्जय पाण्डे, रवि पाण्डे, अशोक पाण्डे, दिलिप पाण्डे, बीरेन्द्र पाण्डे र नागेन्द्र पाण्डे सहितकाले चौकी मैं उनलाई कुटपिट गर्दे गाउँ समेत निकाला गरेको रेणुले बताइन । सात छोराछोरीकी आमा रेणुले आफुलाई न्याय दिलाई दिन विभिन्न मानवअधिकारकर्मीहरुलाई गुहारेकी छिन् । यसै घटनाको विषयमा आफुहरुले छानविन गरिरहेकी महिला मानवअधिकारकर्मी रेखा झाले वताईन । उनले गल्ती गर्नेहरुलाई सजाय हुुनुपर्ने माँग समेत गरिन् । यता मानवअधिकार संरक्षण केन्द्र महोत्तरीका अध्यक्ष मदनकुमार झाले आफुहरुले जिल्ला प्रहरी कार्यालयका प्रहरी उपरिक्षक संजयराज शर्मासंग यस सम्बन्धित कुरा गरेको र छानविन गरेपछि आफुहरुले प्रशासनलाई दवाव दिने वताउनुभयो । उहाँले प्रहरी परिसर भित्र यदि कुटेको हो भने प्रशासनले यसमा गल्ती स्विकार गरी महिलालाई न्याय दिनुपर्ने माँग गर्नुभयो ।


गाउँ वस्तीविहिन
महोत्तरी समाचारदाता
जलेश्वर, चैत २७ गते । घरमा पालिएका चौपायाहरु अहिले छाडा भई भोकप्यासले मर्न आँटेका छन् । घरमा पालिएका घरपालुवा कुकुरहरु पनि भुस्याहा भैसकेका छन् । कुनै मानिसलाई देख्ने वित्तिकै खान पाउने लोभमा चौपायाहरुको लर्को मानिस भएतिर लाग्छ । आफुलाई बचाउ नगर्ने हो भने कुकुरहरु नौलो मानिसलाई झम्टिन समेत थाल्छ । वस्तीका हरेक घरमा ताला लागेको छ । वस्ती भएपनि एउटा मानिसलाई खोज्न पनि पुरै वस्ती नै चहार्नुपर्छ । तर पनि स्थानीय मन्दिरमा रहेका एकवृद्धवृद्धा बाहेक अरु कोही पनि त्यहाँ भेटदैनन्् । अहिले महोत्तरी जिल्लाको सिंग्याही वडानं. ४ को अवस्था यस्तै रहेको छ । अहिले सो वडा मानव विहिन भई वस्ती खाली भएपछि चौपायाहरु र टोलको यस्तो अवस्था आएको हो ।
सामुहिक कुटपिट र लुटपाट हुन थालेपछि सो वडाका करिब ६० घर परिवार अहिले विस्थापित भई अन्यत्र वस्न बाध्य भएका छन् । सो वस्तीका करिब अढाई सय भन्दा बढी जना अहिले गाउँ भन्दा अन्यत्र आफन्त कहाँ शरण लिन वाध्य भएका हुन् । दिनभरी ३–४ जना महिलाहरु आएर बसे पनि साँझ परेपछि केही चौपाया, ३ वटा कुकुर र एकजोडी वृद्धवृद्धा बाहेक सो गाउँ नै सुनसान हुन्छ । स्थानीय गणेश मन्दिरमा बसोबास गर्दे आउनुभएका वृद्ध पुजारी वुद्धु दास बाँतरले राती पुरै गाउँ नै सुनसान हुने वताउनुहुदै आफुहरु जे पर्ला पर्ला भनेर बसेको वताए । मन्दिरमा उनीसंगै उनकी वृद्ध श्रीमती हुन्छिन् । पुजारी दासले यस मन्दिरमा पुजारीको रुपमा आफ्नो चारपुस्त नै वितेको जानकारी दिनुहुदै जे हुन्छ हुन्छ भनेर बसेको जानकारी दिनुभयो । उहाँले एक हप्ता देखि सो गाउँ सुनसान रहेको जानकारी दिनुहुदै प्रहरीले समेत गाउँलेलाई दुःख दिने भएपछि बस्ती खाली भएको दावी गर्नुभयो ।
शनिबार दिउँसो केही मानवअधिकारकर्मी र संचारकर्मीहरुको टोली सो गाउँमा पुग्दा तीन जना महिला र पुजारीद्धय मात्रै रहेका थिए । गाउँमा भेटिएका पानो देवीले शनिबार आफुलाई स्थानीय चौकीमा तारिखको लागि बोलाएकोले गाउँमा आएको जानकारी दिइन । उनले रातीमा एक परिवार पनि यहाँ नबस्ने वताउँदै आफु पनि राति आफन्त कहाँ जाने जानकारी दिइन । उनीसंग सोध्दा राति बसे इज्जत लुट्छ भन्ने सुनेकोले गाउँमा नबस्ने बताइन ।
चैत १३ गते राति स्थानीय सिंग्याही वडानं.६ बस्ने धर्मनाथ साहलाई वडानं. ४ का बाँतर समुदायले कुटपिट गरी हत्या गरेको भन्दै स्थानीय वडानं. ६ का केही व्यक्तिहरुले वडानं. ४मा सामुहिक कुटपिट र लुटपाट मच्चाएपछि सो बस्ती अहिले डरले विस्थापित भएका हुन् । वडानं. ४ बस्ने सुन्दरकलादेवी वाँतरसंग धर्मनाथको अवैध सम्बन्ध रहेको थियो । स्थानीयबासिहरुले सो कुरा वारम्वार थाहा पाएका थिए कसैले उनलाई समात्न सकेको थिएन तर चैत १३ गते राति साह सुन्दरकलाको घरमा आएपछि सो वडाका केही स्थानीयले साहलाई समातेर कुटपिट गर्दे हत्या गरेर फालेका थिए । त्यो हत्या भएको शव त्यसको भोलीपल्ट फेला परेपछि वडानं. ६ का स्थानीयबासीहरुले सो वाँतर वस्तीमा गएर लुटपाट मच्चाएका थिए । वाँतर बस्तीमा अहिले हरेक घरमा तालावन्दी गरिएको छ । उनीहरुको चौपायाहरु अहिले त्यसै छाडा बनेका हुन् । स्थानीय वडानं. ५ का पार्वती देवीले कतिपय गाईवस्तुहरु त्यसै मरिरहेको जानकारी दिइन्् । उनले अहिले दिनमा पनि यो टोलमा आउन डर लाग्ने जानकारी दिदै भनिन् ‘ पानी लेवऽ बालाके आ नहाईबालाके धारा सभपर भिड रहैछई, लेकिन अखैन सभ खाली छै’ । (धारामा पानी लिने, नुहाउनेहरुको भिड हुन्छ तर अहिले सबै खाली छ ।) उनले वडानं. ६का केही स्थानीयहरुले वडानं. ४ को वाँतरवस्तीको हरेक घरमा छापामारी गरी रेडियो, टिभी सेट, सिडी, धनसम्पत्ति, गरगहना लगायतका सामग्रीहरु समेत लुटिलगीसकेको जानकारी दिइन ।
सदरमुकाम जलेश्वरदेखि करिब ३० किलोमिटरको दुरीमा रहेको सो ठाउँको नजिकै लोहारपट्टी चौकी समेत रहे पनि प्रहरीकै डरले समेत कतिपय विस्थापित भएको पुजारीले वताए । उनले वडानं. ६ का स्थानीय यादव समुदाय तथा साह समुदायका मान्छेहरु धनिमानि भएकोले उनीसंगै प्रहरी मिलेको कारणले यस्तो भएको दावी समेत गरे ।
तिनदिन देखि प्रहरीले दुई जनालाई पक्राउ गरी सो गाउँमा सुरक्षा दिइरहे पनि डरका कारण स्थानीयबासिहरु अहिले गाउँमा फर्कन्न नमान्ने गरेको छ ।
अनुगमनमा जानुभएका मानवअधिकार संरक्षण केन्द्र महोत्तरीका अध्यक्ष मदनकुमार झाले प्रशासनले चाँडै नै गाउँमा राजनीतिक सहमति गरि विस्थापितहरुलाई पुर्नस्थापित गर्नुपर्ने माँग गर्नुभयो । उहाँले अहिले सो गाउँमा पशुहरुको अवस्था समेत चिनताजनक भएकोले प्रशासनले चाँडै नै समस्या समाधान गर्नुपर्नेमा जोड दिनुभयो ।

jagan mala

ज्ञान क्या है? अष्टावक्र ने जनक से कहा कि जो-जो अज्ञान है उसे जान लेना ही ज्ञान है। अधिकतर लोगों को यही नहीं मालूम होता है कि उनके कृत्य, विचार या दिनचर्या कितनी अव्यवस्थित या अज्ञानपूर्ण है। अर्थात यंत्रवत या बेहोशी से भरी जिंदगी।

महत्व : योग में ज्ञानमुद्रा इसलिए शक्तिशाली कही गई है ‍क्योंकि यह आपकी तंद्रा को तोड़ती है। हाथों की ग्रंथियों का संबंध हमारे मस्तिष्क से होता है। दाएँ हाथ का संबंध बाएँ और बाएँ हाथ का संबंध दाएँ मस्तिष्क से माना गया है। ज्ञानमुद्रा से मस्तिष्क के सोए हुए तंतु जाग्रत होकर मानव के होश को बढ़ाते हैं। ज्ञान का अर्थ ढेर सारी जानकारी या वैचारिकता से नहीं बल्कि होश से है। होशपूर्ण व्यक्तित्व के चित्त पर किसी भी प्रकार के कर्म या विचारों का दाग नहीं बनता।

विधि : अँगूठे को तर्जनी (इंडेक्स) अँगुली से स्पर्श करते हुए शेष तीन अँगुलियों को सीधा तान दें। इस मुद्रा के लिए कोई विशेष समय अवधि नहीं है। सिद्धासन में बैठकर, खड़े रहकर या बिस्तर पर जब भी समय मिले आप इसका अभ्यास कर सकते हैं।

लाभ : ज्ञानमुद्रा ज्ञान को बढ़ाती है। अँगुलियों के दोनों ओर की ग्रंथियाँ सक्रिय रूप से कार्य करती हैं। इससे मस्तिष्क तेज और स्मृति शक्ति बढ़ती है। यह मुद्रा एकाग्रता को बढ़ाकर अनिद्रा, हिस्टीरिया, गुस्सा और निराशा को दूर करती है। यदि इसका नियमित अभ्यास किया जाए तो सभी तरह के मानसिक विकारों तथा नशे की आदतों से मुक्ति मिल सकती है। इसके अभ्यास से मन प्रसन्न रहता है।

prerak parsang आफ्नो काम आफैँ गर

एकदिन एउटा नयाँ विद्यार्थी कोलकाता स्टेसनमा रेलबाट ओर्लियो । उसको साथमा उसैले बोक्नसक्ने सानो झोला थियो । तर, ऊ त्यो झोला बोक्न कुल्लीलाई कराउन थाल्यो । त्यहीवेला एक सज्जन व्यक्ति उसको अगाडि आएर झोला उठाउँदै 'यो झोला कहाँ पुर्‍याउने भनेर सोधे ?'

महाविद्यालयमा पढ्न आएको त्यस विद्यार्थीले सानसँग आफ्नो महाविद्यालयको नाम बतायो । झोला बोकेर ती सज्जन कुल्ली फटाफट महाविद्यालयतिर लम्के । त्यो महाविद्यालय एकदम नजिक भएकाले पुग्न कतिबेर पनि लागेन । झोला राखिदिएर तपाईंले भनेको विद्यालय यही हो भनेर ती सज्जन फनक्क फर्किएर हिँड्न लाग्दा विद्यार्थीले उसलाई केही ज्याला दिन खोज्यो ।


झोला बोक्ने ती सज्जन कुल्लीले भने मलाई ज्याला या इनाम केही पनि चाहिँदैन । यदि मलाई ज्याला दिने नै हो भने, मैले भनेअनुसारको काम गर्ने बानी गर त्यही नै मेरा लागि इनाम र ज्याला दुवै हुन्छ । मानिसले सकेसम्म आफ्नो काम आफैँ गर्ने गर्‍यो भने स्वावलम्बी, निरोगी र सफल बन्दछ । यति भनेर ती व्यक्ति फटाफट हिँडे ।

भोलिपल्ट जब त्यो विद्यार्थी आफ्नो महाविद्यालयमा पुग्यो त्यसवेला प्रार्थनास्थलमा हिजोको कुल्ली -ईश्वरचन्द्र विद्यासागर) लाई प्राचार्यको आसनमा बसेको देख्दा कालो-नीलो भयो ।

जब प्रार्थना सकेर सबै विद्यार्थी आ-आफ्नो कक्षामा गए, तब त्यस विद्याथीले आफ्नो प्राचार्य विद्यासागरको खुट्टामा टाउको राखेर माफ माग्यो । विद्यासागरले सो विद्यार्थीलाई उठाउँदै सम्झाए, 'कुनै पनि कामलाई सानो नसम्झनु । आफ्नो काम आफैँ गर्दा कोही पनि सानो हुँदैन । हिजो तिमीले तिम्रो त्यो झोला आफैँ बोक्न नसक्ने थिएनौ । आफैँ बोकेर हिँड्दा के तिमी साना हुन्थ्यौ ? मैले बोकी दिएँ, खोई मलाई के भयो ? विद्यार्थी आत्मग्लानीले शिथिल हुँदै गुरुले दिएको ज्ञानलाई सधैँ व्यवहारमा उतार्ने प्रण गर्‍यो ।


धैर्य


लुथर किङ एक सार्वजनिक सभामा भाषण दिँदै थिए । एकजना प्रतिक्रियावादी श्रोताले उहाँलाई मञ्चनमा जुत्ताले हिर्काइ पठायो ।

यस घटनाले सभामा हलचल मच्चियो । सभाका आयोजकहरू लाजले रातो भए । तर, लुथर किङ अविचलित भई मञ्चमा उभिरह्यो । उहाँले सो जुत्तालाई बडो प्रेमपूर्वक उठाए र स्नेहपूर्वक मीठो वचनले भने, 'धन्य छ, त्यो देश, जहाँका मानिसलाई आफ्नो सेवकहरूको यस्तो ध्यान छ । मजस्तो पैदल हिँड्ने व्यक्तिलाई कुनै कृपालु सज्जनले बडो उदारताका साथ परिचय दिनुभएको छ । तर, खेद यस मानेमा छ कि, यो जुत्ता सिर्फ एउटा गोडाका लागि मात्र छ ।

केहीबेर रोकिएर उहाँ पुनः बोल्न थाल्नुभयो, 'कृपालु सज्जनसँग मेरो विनम्र अनुरोध छ कि, कृपया दोस्रो जुत्ता पनि मलाई दिनुहोस् । यसो गर्नुभएको खण्डमा म उहाँप्रति साँच्चिकै आभारी हुने थिएँ ।'


मार्टिन लुथर किङको मुखबाट यस्तो वचन सुनेपछि उपस्थित सबै श्रोताहरू स्तब्ध भए र मार्टिन लुथर किङको जयजयकारले सभास्थल गुञ्जायमान भयो । लुथर किङको अधरमा चिरपरिचित मुस्कान देखा पर्‍यो ।

prerak parsang आफ्नो काम आफैँ गर

एकदिन एउटा नयाँ विद्यार्थी कोलकाता स्टेसनमा रेलबाट ओर्लियो । उसको साथमा उसैले बोक्नसक्ने सानो झोला थियो । तर, ऊ त्यो झोला बोक्न कुल्लीलाई कराउन थाल्यो । त्यहीवेला एक सज्जन व्यक्ति उसको अगाडि आएर झोला उठाउँदै 'यो झोला कहाँ पुर्‍याउने भनेर सोधे ?'

महाविद्यालयमा पढ्न आएको त्यस विद्यार्थीले सानसँग आफ्नो महाविद्यालयको नाम बतायो । झोला बोकेर ती सज्जन कुल्ली फटाफट महाविद्यालयतिर लम्के । त्यो महाविद्यालय एकदम नजिक भएकाले पुग्न कतिबेर पनि लागेन । झोला राखिदिएर तपाईंले भनेको विद्यालय यही हो भनेर ती सज्जन फनक्क फर्किएर हिँड्न लाग्दा विद्यार्थीले उसलाई केही ज्याला दिन खोज्यो ।


झोला बोक्ने ती सज्जन कुल्लीले भने मलाई ज्याला या इनाम केही पनि चाहिँदैन । यदि मलाई ज्याला दिने नै हो भने, मैले भनेअनुसारको काम गर्ने बानी गर त्यही नै मेरा लागि इनाम र ज्याला दुवै हुन्छ । मानिसले सकेसम्म आफ्नो काम आफैँ गर्ने गर्‍यो भने स्वावलम्बी, निरोगी र सफल बन्दछ । यति भनेर ती व्यक्ति फटाफट हिँडे ।

भोलिपल्ट जब त्यो विद्यार्थी आफ्नो महाविद्यालयमा पुग्यो त्यसवेला प्रार्थनास्थलमा हिजोको कुल्ली -ईश्वरचन्द्र विद्यासागर) लाई प्राचार्यको आसनमा बसेको देख्दा कालो-नीलो भयो ।

जब प्रार्थना सकेर सबै विद्यार्थी आ-आफ्नो कक्षामा गए, तब त्यस विद्याथीले आफ्नो प्राचार्य विद्यासागरको खुट्टामा टाउको राखेर माफ माग्यो । विद्यासागरले सो विद्यार्थीलाई उठाउँदै सम्झाए, 'कुनै पनि कामलाई सानो नसम्झनु । आफ्नो काम आफैँ गर्दा कोही पनि सानो हुँदैन । हिजो तिमीले तिम्रो त्यो झोला आफैँ बोक्न नसक्ने थिएनौ । आफैँ बोकेर हिँड्दा के तिमी साना हुन्थ्यौ ? मैले बोकी दिएँ, खोई मलाई के भयो ? विद्यार्थी आत्मग्लानीले शिथिल हुँदै गुरुले दिएको ज्ञानलाई सधैँ व्यवहारमा उतार्ने प्रण गर्‍यो ।


धैर्य


लुथर किङ एक सार्वजनिक सभामा भाषण दिँदै थिए । एकजना प्रतिक्रियावादी श्रोताले उहाँलाई मञ्चनमा जुत्ताले हिर्काइ पठायो ।

यस घटनाले सभामा हलचल मच्चियो । सभाका आयोजकहरू लाजले रातो भए । तर, लुथर किङ अविचलित भई मञ्चमा उभिरह्यो । उहाँले सो जुत्तालाई बडो प्रेमपूर्वक उठाए र स्नेहपूर्वक मीठो वचनले भने, 'धन्य छ, त्यो देश, जहाँका मानिसलाई आफ्नो सेवकहरूको यस्तो ध्यान छ । मजस्तो पैदल हिँड्ने व्यक्तिलाई कुनै कृपालु सज्जनले बडो उदारताका साथ परिचय दिनुभएको छ । तर, खेद यस मानेमा छ कि, यो जुत्ता सिर्फ एउटा गोडाका लागि मात्र छ ।

केहीबेर रोकिएर उहाँ पुनः बोल्न थाल्नुभयो, 'कृपालु सज्जनसँग मेरो विनम्र अनुरोध छ कि, कृपया दोस्रो जुत्ता पनि मलाई दिनुहोस् । यसो गर्नुभएको खण्डमा म उहाँप्रति साँच्चिकै आभारी हुने थिएँ ।'


मार्टिन लुथर किङको मुखबाट यस्तो वचन सुनेपछि उपस्थित सबै श्रोताहरू स्तब्ध भए र मार्टिन लुथर किङको जयजयकारले सभास्थल गुञ्जायमान भयो । लुथर किङको अधरमा चिरपरिचित मुस्कान देखा पर्‍यो ।

कार्यालय प्रमुख नै असुरक्षित

महेशकुमार दास
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तराईमा सशस्त्र संघर्षरत विभिन्न समूहले बारम्बार चन्दा माग्दै धम्क्याउन थालेपछि कार्यालय प्रमुख जिल्ला छाडेर हिँडेका हुन्
नयाँ पत्रिका
महोत्तरी, २४ चैत
जिल्लाका १२ सरकारी कार्यालय प्रमुखविहीन बनेको छ । असुरक्षाको कारण देखाउँदै कार्यालय प्रमुख कार्यालयमा नआउँदा दैनिक कामकाज प्रभावित भएको छ ।
तराईमा सशस्त्र संघर्षरत विभिन्न समूहले बारम्बार चन्दा माग्दै धम्क्याउन थालेपछि कार्यालय प्रमुख जिल्ला छाडेर हिँडेका हुन् । जिल्ला शिक्षा, जिल्ला विकास समिति, सिँचाइ, मालपोतजस्ता महत्त्वपूर्ण सरकारी कार्यालयमा प्रमुख नहुदा सेवाग्राही मारमा परेका छन् । असुरक्षाको कारण देखाउँदै जिल्ला शिक्षा अधिकारी सुरेश सिंह, स्थानीय विकास अधिकारी राजेन्द्रदेव पाण्डेय, कोष तथा लेखा नियन्त्रण प्रमुख रामदुलार झा, कृषि प्रमुख ओमप्रकाश विराजी, मध्यमाञ्चल सिँचाइ विकास डिभिजन नं.१ का प्रमुख अजयकुमार जयसवाल कार्यालयमा आएका छैनन् ।
यसैगरी, तटबन्धका प्रमुख सीताराम यादव, महिला विकास प्रमुख मिरा मिश्र, मालपोत प्रमुख लालदेव राय पनि लामो समयदेखि कार्यालय नआएको स्रोतले बतायो । यसैगरी, असुरक्षाको कारण देखाउँदै तथ्यांक, नापी, घरेलुलगायत १२ सरकारी कार्यालयका प्रमुख आएका छैनन् । कार्यालय प्रमुख नभएपछि कार्यालयको कामकाज प्रभावित भएको छ भने न्यायिक, अर्धन्यायिक कामकाजसमेत बन्द भई सेवाग्राहीलाई कठिनाइ भएको छ । उनीहरू चन्दा आतंक, धम्की र असुरक्षाको कारण देखाउँदै तालिम, गोष्ठीको नाम दिएर बाहिर जिल्ला बसेको सर्वसाधारणको गुनासो छ ।
कार्यालय प्रमुख छाडेर गएपछि ती कार्यालय कर्मचारी पनि असन्तुष्ट छन् । कार्यालय प्रमुखहरू लामो समयदेखि गोष्ठीका नाममा काज देखाई कार्यालयमा अनुपस्थित रहनाले कार्यालयको दैनिक कामकाज प्रभावित भएको जिविसका एक कर्मचारीले बताए । चैत १४ मा गाविससचिव हकहित संरक्षण केन्द्र महोत्तरीका अध्यक्ष शिवराम पाण्डेयलाई गोली हानेको विरोधमा एक साता सरकारी कार्यालय बन्द भएका थिए । बन्द खुलेपछि पनि कार्यालय प्रमुख नआएपछि सेवाग्राही झनै मारमा परेका छन् ।
प्रमुख जिल्ला अधिकारी तेजप्रसाद पौडेलले कार्यालय प्रमुखहरू कार्यालयमा नआएको स्विकार्दै कारबाही गरिने बताए । 'विनासूचना बस्नेलाई कारबाही हुन्छ,' उनले भने ।

उत्पादन नविक्दा महिला लघु उद्यमी मर्कामा


महेशकुमार दास
महोत्तरी २३ चैत । भारतीयबजारबाट ल्याइएको चुरा बेच्नेलाई भ्याइ न भ्याई हुने तर आफैले उत्पादन गरेको लहठी चुराले उचित बजार नपाउ“दा महोत्तरीका महिला लघुउद्यमी निरास भएका छन । केहि महिना पहिले राष्ट्रिय उद्यमशीलता विकाश केन्द्रले दिएको तालिम पश्चात लघु उद्योगतर्फअग्रसर भएका उनीहरु आफुले उत्पादन गरेको सामान नबिक्दा निरास भएका छन् ।

एक त कच्चा पदार्थको अभाव अर्कोतर्फखुला सिमाबाट भित्रिएका सामानसंग प्रतिस्पर्धा गर्न नसक्दा उनीहरुका उत्पादनले बजार पाउन सकेका छैनन । केन्द्रले लघु उद्यम विकाश कार्यक्रम अर्न्तगत गरीव तथा पिछडियका बर्गका २ सय ७ जनालाई विविध तालिम दिएपछि उनीहरुले जानेका सीपबाट घरैमा उत्पादन सुरु गरेका थिए । सीपमूलक तालिममा करिब ९५ जना महिलाले लहठी चुरा बनाउने तालिम लिएका थिए । सीप पाएपछि आर्थिक उपार्जन हुने आसमा सुरुमा निकै खुशि उनीहरु अहिले आउर मिहिनेत अनुसारको मूल्य नपाउदा हतोत्साहित भएका छन् ।

यसैमा भविष्य देखेर भारतबाट कच्चा पदार्थ ल्याई उत्पादन पनि सुरु गरे पनि आफुले उत्पादन गरेकेा चुरालाई ग्राहकले नरुचाइ दिएपछि उनीहरुमा निरासा छाएको हो । अहिले उनीहरु ब्यवसाय नै परिवर्तन गर्नु पर्ने बाध्यात्मक अवस्थामा पुगेका छन् ।

साउन महिनादेखि लहठी चुरा उत्पादनमा लागेकी सम्सीका सुकमरिया देवीले आवश्यक पु“जीको अभाव तथा राम्रो प्रशिक्षण नपाएकोले उनीहरुको चुरा प्रतिस्पर्धामा खडा उर्तन नसकेके बताउछन् ।"हामीहरुलाई त राम्रो तालिम नै दिएनन्"भनेर गुनासो गर्दै सुकमरियाले भने "हामीले तालिममा सिकेको सीपअनुसार बनाएका चुरामा भारतीय चुरा लहठीजस्तो चमक आउदैन जस्ले गर्दा ग्राहकले आफना चुरा र लहठी किन्दैनन ।"

सुरुमा तालिम स्तरहीन रहेको अनुभव गर्न नसकेका उनीहरुले उत्पादनलाई बजार पठाए पछि आफनो सीपलाई आफैले मूलायङकन गरि हर्दा ज्ञान अधुरो रहेको अनुभूति भएको बताए । अर्कोतर्फपु“जीको अभावले चुरालाई आकर्ष पार्न फुलबुट्टा भर्ने आवश्यक रंगरोगन किन्न नसक्दा पनि अपेक्षित लाभ लिन नसकेको सुकमरियाले बताईन । यसका लागि खासै ठूलो रकमको समेत जरुरी नपर्ने उनीहरुको कथन छ ।

कच्च्ाा पदार्थ सहज आपर्र्ति नहुदा र महगोमा किन्नु पर्दा पनि भारतीय उत्पादनसंग प्रतिस्पर्धा हुन नसकेको उनीहरुको कथन छ । कच्च्ाा पदार्थ खरिद नै महगो परेपछि त्यसबाट हुने उत्पादनको लागत पनि बढी पर्नु स्वभाविक नै हो ।

सुगा -७ कि बचिया देविका अनुसार आफुले उत्पादन गरेका चुरा कम्तीमा प्रति सेट १ सय २५ रुपियामा नबेचे फाईदा हुदैन तर भारतबाट आएका आफनो भन्दा राम्रो चम्कदार चुरा भने सेटको केवल ७० / ८० रुपियाको दरले विकने हुदा प्रतिस्पर्धा गर्न नसकिएको हो । खुल्ला सिमानाका कारण भारतीय बजारबाट लुकाई छिपाई ल्याउने चुरालहठी विक्री गरि मनग्य आम्दानी गर्ने गरेकोले आफाना उत्पादनले बजार नपाएको उनीहरुको गुनासो छ ।

'यसका लागि सिप दिएर मात्र पन्छिन पाईदैन' बचियाले भने 'कच्चा पदार्थको सहज आपरर्ती र पु“जीका लागि सके अनुदान नसके सहुलियत दरमा ऋण उपलब्ध गराउनु पर्छ ।'विगत ६ महिनादखि आफु पनि लहठी चुराको कारोवारमा लागेकी बचियाले सहकारी खोल्ने नाममा सरकारले कडौरो रुपैया खेर फालेको तर ५/७ हजार पु“जीको अभावमा आफुहरुको सीपले ब्यवसायीक उत्पादन र प्रतिस्पर्धा गर्न नसकेकोले खिन्न छिन् ।

जिल्लाका १३ स्थानलाई प्रशासनद्वारा निषेधित क्षेत्र घोषणा

महोत्तरी समाचारदाता
जलेश्वर, चैत २३ गते । आम नागरिकको शान्ति सुरक्षामा खलल पुग्ने सम्भावनालाई दृष्टिगत गर्दे जिल्ला प्रशासन कार्यालय महोत्तरीले जिल्लाको १३ स्थानका मुख्य चोक र बाजारलाई निषेधित क्षेत्र घोषणा गरेको छ । प्रशासनले निषेधित क्षेत्रमा राति ९ बजे देखि होटल, रेष्टुरेण्ट, मदिरा पसल खुला राख्ने, मदिरा विक्रि वितरण गर्ने, अनावश्यक रुपमा भेला, जम्मा हुने कार्यहरु गर्नमा रोक समेत लगाएको छ ।
प्रमुख जिल्ला अधिकारी तेजराज पौडेलले एक सुचना जारी गर्नुहुदै चैत २२ गते मंगलबारबाट नै लागु हुने गरी यस्तो निषेध आदेश जारी गर्नु भएको हो । प्रशासनले जलेश्वर नगरपालिका क्षेत्र, भिठामोड, मटिहानी, सम्सी, पिपरा, रामगोपालपुर, गौशाला, सरपल्लो, बखरी, मनरा, बलवा, औरही र कान्तिबाजारलार्इृ निषेधित स्थान घोषणा गर्दे यस्तो क्रियाक्लाप गर्न रोक लगाएको छ । प्रशासनले अपराधिक घटना बढन थालेको भन्दै रोक लगाएको सुचना जारी गर्दे जनाएको छ । प्रशासनले जलेश्वर नगरपालिका तथा जिल्ला भित्रका विभिन्न स्थानहरुमा होटल, रेष्टुरेण्ट, मदिरा वेचविखन गर्ने पसलहरु राति अबेर सम्म खुला रहने, संचालन हुने गरेको कारणबाट मानिसहरु जथाभावी जम्मा हुने, होहल्ला गर्ने, झै झगडा गरी आम नागरिकको शान्ति सुरक्षामा समेत खलल पुग्ने सम्भावनालाई दृष्टिगत गरी स्थानीय प्रशासन ऐन २०२८ को दफा ६ को उपदफा ३ को अधिकार प्रयोग गरी निषेध आदेश जारी गरेको हो ।
प्रमुख जिल्ला अधिकारी पौडेलले जथाभावी झै झगडा भई अपराधिक घटना बढदै गएकोले त्यसमा रोक लगाउन दुई महिनाको लागि यस्तो निषेध आदेश जारी गर्नुपरेको जानकारी दिनुभयो । उहाँले निषेधित क्षेत्रमा राति ९ बजेदेखि बिहान ४ बजे सम्म अनावश्यक होहल्ला र अनावश्यक रुपमा भेला जम्मा हुने कार्य नगर्न सबैमा अनुरोध गर्नुभएको छ ।
ज्ञातव्य छ यो हप्तामा मात्रै महोत्तरीमा एकजनाको हत्या गरिएको छ भने एक जना माथि हत्याको प्रयास गरिएको छ ।
सिंग्याही–४ बस्ने मदिरा व्यवसायी धर्मनाथ साहको घाँटीमा डोरीले बाँधि हत्या गरिएको शव प्रहरीले चैत्र १४ गते सिंग्याही बाजारकै एउटा खेतमा फेला पारेको थियो भने चैत १४ गते साँझ सदरमुकाम जलेश्वरसंगै रहेको पिगौनामा गाविस सचिव हकहित संरक्षण केन्द्रका अध्यक्ष तथा बलवा गाविसका सचिव शिवराम पाण्डेलाई गोली प्रहारी गरिएको थियो ।
यसैबिच उद्योग वाणिज्य संघ जलेश्वरका उपाध्यक्ष दिल बहादुर श्रेष्ठले प्रशासनले गरेको यो आदेश स्वागत योग्य भएको वताउनुभएको छ । उहाँले प्रशासनले उद्योग वाणिज्यसंघसंग समन्वय गरी यस्तो कार्य गरेको भए अझ राम्रो हुनेमा जोड समेत दिनुभयो । उहाँले सदरमुकाममा राति १० बजे देखि मात्रै पसलहरु बन्द गर्न गराउन आदेश दिन प्रशासनसंग आग्रह समेत गर्नुभयो ।

शिक्षा नियमावली विपरित सहमती प्रदान

महोत्तरी समाचारदाता
जलेश्वर, चैत २४ गते । शिक्षा कार्यालय महोत्तरी शिक्षा नियमावली विपरित एक विद्यालयके शिक्षक भर्नाके लेल अनुमति देने अछि ।
शिक्षा कार्यालय महोत्तरी शिक्षा नियमावली तोकने नियमके कोनो परवाह नै क महोत्तरीक उच्च माध्यमिक विद्यालय बसविट्टी,वसन्तपुरके शिक्षक भर्नाके लेल अनुमति देने अछि ।
उमावि बसविट्टी वसन्तपुरमे जिल्ला शिक्षा समिति स स्वीकृत मावि दरबन्दी ६ आ विशेष शिक्षा परिषद स १ क ७ दरबन्दी रहल अछि । जाहि मे स अखैन सामाजिक विषयके दरबन्दी रिक्त रहल बताओल गेल अछि । विद्यालय जिल्ला शिक्षा कार्यालय स माँग कयने दरबन्दी सम्बन्धि पत्रमे नेपाली विषयमे १, गणितमे १, विज्ञानमे १, अंग्रेजीमे २ (साधारण–१, विशेष शिक्षा–१) एकीकृत, जनसंख्यामे १ शिक्षक रहल उल्लेख अछि त सामाजिकमे १ पद रिक्त रहल अछि । विद्यालय ओही रिक्त दरबन्दीमे अंग्रेजी शिक्षक विषय रखबाक सल्लाह भेलाक कारणे आवश्यक निर्देशन आ आवश्यक व्यवस्था मिला देबाक लेल जिल्ला शिक्षा कार्यालय महोत्तरीमे माग कयने छल ।
एम्हर जिल्ला शिक्षा कार्यालय महोत्तरीक निमित्त जिशिअ सुरेश प्रसाद सिंह शिक्षा नियमावलीके कोनो परवाह नै क अनुमति देने विद्यालय सा्रेत जानकारी देने अछि । स्रोतक अनुसार शिक्षा नियमावली रिक्त पदमे मात्रे पदपूति करबाक उल्लेख कयलावादो जिशिअ सिंह दु दु टा शिक्षक रहल अंग्रेजी विषयमे पदपूर्ति करबाक अनुमती देने अछि ।
शिक्षा नियमावलीके अनुसूचि १२ के विद्यालयमे रहबाक शिक्षक दरबन्दीमे माध्यमिक विद्यालयमे ९ टा शिक्षक अनिवार्य राख परबाक व्यवस्था कयने अछि । ‘अनुसूचि १२ मे उल्लिखित विषयके शिक्षक नै रहल विद्यालयमे दोसर विषयके शिक्षक नियुक्त वा सरुवा नै करबाक चाही ’ शिक्षा नियमावलीके करार शिक्षक नियुक्ति सम्बन्धि व्यवस्थामे प्रष्ट रुप स उल्लेख कायल गेल अछि । मुदा तैयो जिशिअ सिंह प्रलोभनमे परि सहमति प्रदान कयने स्रोत दावी कयने अछि । स्रोत सामाजिक विषयमे पदपूर्ति कर परबाक ठाममे जिशिअ अंग्रेजी विषयमे सहमती देलाक कारणे कतौ नै कतौ मिलिभगत रहल दावी कयने अछि ।

नेपाल शिक्षक युनियन महोत्तरी दुई चिरामा विभाजित

महोत्तरी समाचारदाता
जलेश्वर, चैत २० गते । महोत्तरीका दुई शिक्षक संगठनहरु नेपाल शिक्षक युनियन महोत्तरीबाट आइतबार अलग भएका छन् ।
शिक्षक युनियन संग आवद्ध नेपाल राष्ट्रिय शिक्षक संगठन र नेपाल शिक्षक मञ्च महोत्तरी युनियनबाट अलग भएको आइतबार आयोजित एक पत्रकार सम्मेलनमा जानकारी दिइयो । विगत ६ महिना देखि युनियनमा आन्तरिक द्धन्द्ध बढदै गएको थियो । द्धन्द्ध बढदै गएपछि अन्ततः हामीले युनियनबाट अलग हुनुपर्ने घोषणा गर्नुपरेको आयोजित पत्रकार सम्मेलनमा राष्ट्रिय शिक्षक संगठनका अध्यक्ष फुलबाबु झाले जानकारी दिनुभयो ।
राष्ट्रिय शिक्षक संगठनका अध्यक्ष फुलबाबु झा र नेपाल शिक्षक मञ्चका अध्यक्ष दिनेश कुमार पाण्डेयले युनियनका वर्तमान अध्यक्ष विनोदानन्द झा लगायतका पदाधिकारीहरुले आफै मनोमानी ढंगबाट कार्य थालेपछि आफुहरुले युनियनबाट अलग भएको जानकारी दिनुभएको थियो । शिक्षक तथा शिक्षा क्षेत्रका समस्या समाधानमा आत्मसर्मपणवादी, एवं व्यक्तीवादी प्रवृति अपनाइकोले शिक्षकको गरिमामा ठेस पुगेको भन्दै आफुहरु युनियनको विभिन्न पदबाट राजीनामा दिदै युनियनबाट नै अलग भएको उनीहरुले जनाएका थिए ।
युनियनका वर्तमान पदाधिकारीले जिल्लामा स्विकृत दरबन्दि प्रावि १ हजार ५८ रहेकोमा आर्थिक लेनदेन गरि दरबन्दि भन्दा बढी ४४ शिक्षकलाई विभिन्न विद्यालयमा राख्न लगाएको र ३ सय राहत शिक्षक दरबन्दी रहेको जिल्लामा ३१ वटा राहत शिक्षक थप राखि आर्थिक अनिमियतता गरेको आरोप लगाइएको छ । सो कारणले दरबन्दिमा रहेका शिक्षकहरुलाई समेत समस्या भोग्नु परेको युनियनबाट राजीनामा दिएका संघ आवद्ध शिक्षक सुरेन्द्र पाण्डेयले बताउनु भयो ।
युनियनबाट निर्णय गराई जिल्ला शिक्षा कार्यालयमा काम गराउने परिपाटीलाई उल्लघंन गर्दै युनियनका पदाधिकारीहरुले जिल्ला शिक्षा कार्यालयबाट जाने विद्यालयहरुको बजेट ,भवन निर्माण तथा वितरणमा समेत आर्थिक लेनदेन गरि युनियनको मार्यादाको विपरित गतिविधि सञ्चालन गरेको आरोप लगाउँदै उनीहरु युनियनबाट अलग्गीएका हुन ।
पत्रकार सम्मेलनमा वितरित विज्ञप्तीमा नेपाल शिक्षक युनियन महोत्तरीको सम्पुर्ण निर्णयमा नेपाल राष्ट्रिय शिक्षक संगठन र नेपाल शिक्षक मञ्चको समर्थन नहुने समेत जनाइएको छ ।

महोत्तरीका सरकारी कार्यालय सोमबारदेखि खुल्ने

महोत्तरी समाचारदाता
जलेश्वर, चैत २० गते । विगत ६ दिन देखि बन्द रहेका महोत्तरीका सरकारी कार्यालयहरु सोमबार देखि सुचारु हुने भएका छन् ।
महोत्तरीको जलेश्वरमा आइतबार बसेको सर्वदलिय बैठकले कर्मचारीहरुको माँगको सम्बोधन गरेपछि उनीहरुले सोमबार देखि कार्यालय सुचारु गर्ने निर्णय गरेको हो । कर्मचारी सम्बद्ध निजामती कर्मचारी युनियनका जिल्ला अध्यक्ष जितेन्द्र प्रसाद सिंहले यथाशिघ्र दोषीलाई पक्राउ गरी कानुनी दायरामा ल्याउने, विशेष चनाखो भई सुरक्षाको प्रत्याभुति गर्ने लगायतका माँगहरु पुरा गर्ने प्रशासनले सहमति गरेपछि सोमबार देखि कार्यालय सुचारु गर्ने निर्णय भएको जानकारी दिनुभयो । गृहमन्त्रालयले सचिव पाण्डेलाई २ लाख उपचार खर्च दिने तथा स्थानीय प्रशासनले सुरक्षाको प्रत्याभुति दिने जनाएपछि कर्मचारीहरुले कार्यालय बन्द फिर्ता लिएका हुन
सुरक्षाको ग्यारेन्टी हुनुपर्ने, दोषीलाई कारवाही गर्नुपर्ने र घाइते सचिवलाई उपचार खर्च दिनुपर्ने लगायतका माँगहरु राख्दै महोत्तरीका कर्मचारीहरु विगत ६ दिनदेखि सरकारी कार्यालयहरु ठप्प पार्दे आएका थिए । सरकारी कार्यालयहरु ६ दिनदेखि ठप्प हुँदा सेवाग्राहीहरु मारमा पर्दे आएका थिए ।
गाविस सचिव हकहित संरक्षण केन्द्र महोत्तरीका अध्यक्ष तथा बलवा गाविसका सचिव शिवराम पाण्डेमाथि चैत १४ गते सोमबार साँझ भएको गोली प्रहारको घटनाको विरुद्ध महोत्तरीका कर्मचारीहरु आन्दोलित रहँदै आएका थिए । सचिव पाण्डेलाई अनियमितताको आरोप लगाउँदै गोली प्रहार गरिएको थियो । गोली प्रहारको जिम्मा तराईमा सशस्त्र संघर्षरत तिनवटा समुहले लिएका थिए । सचिव पाण्डेलाई अखिल तराई मुक्ति मोर्चा गोइत समुह, जनतान्त्रिक तराई मुक्ति ज्वाला समुह र जनतान्त्रिक तराई मुक्ति मोर्चाका कार्यकर्ताहरुले आफुहरुले कारवाही गरेको भन्दै संचारकर्मीलाई जनाएका थिए ।
सोमबार साँझ सदरमुकाम जलेश्वरबाट काम सकि पिगौना–२ स्थित घर फर्किरहेका सचिव पाण्डे माथि सारी र पिगौनाको बिचमा रहेको बाटोमा गोली प्रहार गरिएको थियो । उनको गोली पेटमा लागेको थियो । अहिले उनको उपचार काठमाण्डौंमा भइरहेको छ ।
यता बन्द रहेका महोत्तरीका सरकारी कार्यालयहरु मध्ये आइतबार छैठों दिन जिल्ला प्रशासन कार्यालय महोत्तरीमा कामकाज गरिए पछि कर्मचारी सम्बद्ध टे«ड युनियन माथि बन्द खोल्न दवाव परेपछि बन्द खोलिएको जानकारहरुको भनाई रहेको छ । जिल्ला प्रशासन कार्यालयका एक कर्मचारीले नाम नलेखि दिनु भन्दै कर्मचारी सम्बद्ध टे«ड युनियनले गरेको सम्झौताकै आधारमा खोलिएको जानकारी दिएका थिए । उनले गृह मन्त्रालयले उपचार खर्च २ लाख दिएपछि कर्मचारी सम्बद्ध टे«ड युनियनहरुले बन्द फिर्ता लिने जनाएका थिए । आइतबार जिल्ला प्रशासन कार्यालय महोत्तरी, जिल्ला हुलाक लगायतका कार्यालयहरु खुलेका थिए ।