नागेन्द्रकुमार कर्ण MAHOTTARI
२०६८÷१÷४
सभहक दलान कार्यक्रमके लेल
वैशाख महिनाक असिनपसिन करबाला गर्मी, ओहीमे पश्चिम दिस सऽ उडबाला गरम बालु आ क्षण क्षणमे बदलैत मौसम, ककरो निक नै लगैत अछि । ओहुमे यदि नुकायबाला कोनो घर नै रहैय त कि दशा हायत अनुमान करनाई कठिन अछि । मुदा विधिके विधान एहन मौसम रहितो सम्बन्धित निकायके उदासिनताके कारणे महोत्तरीक हतिसर्वाके दलित बस्तीके दु दर्जन स वेशी परिवारके एहने अवस्था स अखैन ग्रुजरपडि रहल अछि । ओ सभ एखनुक समयमे मानविय संवेदना प्रकट करबाला कोनो निकाय नै रहल वतोवैत लोक सभ मानविय संवेदना विर्सेर गेल आरोप लगोने अछि ।
महोत्तरी जिल्लाक हतिसर्वा–९ झपौल टोलमे एक महिना आगा लागल आगलगीके कारण वेघर भेल ३२ परिवार अखैन धरि कोनो राहत नै पाबऽ सकल अछि । ओ सभ एक महिना स खुल्ला आकाशके निचा रहबाक लेल वाध्य अछि । रेडक्रस आ दैविक प्रकोप उद्धार समिति आगलगीके वाद तुरत राहत प्रदान करितो ओ पिडित सभके लेल उटके मुहँमे जिराके फोरैन सावित भ गेल अछि । फागुन ३० गते सोम दिन बेरियाके समयमे आगि लगला स महरा बस्तीके ३२ टा घर जरि गेल छल । पिडित सभके यथेष्ट राहत नै भेटला स ओकरा सभके जिवन अखैन नरकमय बनल अछि । कखनो बिहाडी अवैत अछि त ओही संगै पथ्थर सेहो बरसैत अछि । दिनमे तऽ गर्मीके बाते नहि ओहुमे जखैन नदीके धिप्पल वालु उडैत अवैत अछि त ओकरा सभके देह सिहरा दैत अछि । मुदा करब त कि, नहि दुध पिले स सुख नै माछ खयले स ’ जकाँ भगेल अछि जीवन ।
ओकरा सभके अखैन धरि नेपाल रेडक्रस सोसाइटी महोत्तरी शाखा एक एक टा त्रिपाल, बाल्टिन, किछ वर्तन भाडा, किछ कपडा वितरण कयने अछि त दैवी प्रकोप उद्धार समिति महोत्तरी १० क्विन्टल चाउर, २ क्विन्टल चुरा, १० किलो चिनी, १ क्विन्टल दाइल, स्वावीन, करुतेल आ एक बोरा आयोनुन मात्रै राहत स्वरुप वितरण कयने अछि ।
आगलागी स वेघर भेल स्थानीय विरजु महराके श्रीमती घटनास्थल पहुचल किछ पत्रकार आ मानवअधिकारकर्मी देख कऽ सब जरि गेल, किछ नै बाकी अछि, कोना क रहब बतोलैनि । विरजु घर बनेबाक लेल साउदी अरब स पठोने दु लाख रुपैया से हो आगिमे स्वाहा भगेल ओ बतोलैनि । ओ आब केनाकऽ घर बनायब आ रहब एकरे चिन्ता लागल बतोलैथि ।
ओही टोलमे रहल ४२ घर मे सऽ ३२ गोटेके खाद्यान्न, लत्ताकपडा, सब जरिगेल अछि । ओकरा सभके अखैन अपने लगोने कपडा आ रेडक्रस देने एकथान कपडा बाहेक किछ नै बाँकी अछि ।
ओही टोलमे रहि रहल एकल महिला मरनीदेवी आगलगी स चार दिन पहिने मात्रे घर बनोने वतोवैत ओ घर जरला स एखैन हम सभ वेसहारा बनल वतोलैनि । आँखी स नोर झारैत ओ घरमे कमाई बाला कोही नहि अछि, सात टा धियापुता अछि केना कऽ रहब आ केना क खायब इहे सोचिऽ सोचिऽ क विमार पडलागल बतौली । ओ कतेक दिन भुकले सुत परल बतोवैत अपने त उपवासो कलेव मुदा हमर छोट छोट धियापुता कहाँ जाइत, ओकरा सभके केना उपवास रखबै ? प्रश्न कयलि । ओ अखैन माँगि कऽ गुजारा कर परबाक अवस्था आयल बतौली ।
मरनी मात्रे टा नहि घर जरि कऽ वेसहारा भेल फेकन महराके श्रीमती रामवती देवी घरवाला कोनो काम नै करिरहल कहैत घर जरलावाद भुकले सुतऽ पडिरहल बतौली । ओ हमरा सभके देलगेल राहत दुईये दिनमे सकिगेल कहैत ओहीके वाद कोई नै देखऽ आयल वतोलैनि ।
फागुन ३० गते सोमदिन बेरियामे हतिसर्वा–९ झपौल टोलमे रहनिहार मदिकरण महराके घर स लागल आगलागि पुरे दलित वस्तीमे पसरल छल । मदिकरणके घरमे खाना बना रहल समयमे चुल्हा स आगि लागल छल । आगलगी स ३ लाख रुपैया नगद, एक दर्जन चौपाया, फर्निचर, अन्नपात, लत्ताकपडा क करिब एक करोड मोल बराबरके क्षति भेल छल ।
आगलगी स हतिसर्वा ९ रहनिहार महीकरण महरा, छठु महरा, रामप्रकाश महरा, रामअयोध्या महरा, श्रीप्रसाद महरा, रामअवतार महरा, असु महरा, महेन्द्र महरा ठुलो, दुखरा महरा, उपेन्द्र महरा, राहदेव महरा, सुकदेव महरा, विश्वम्भर महरा, राजन महरा, रामदेव महरा, सरोज महरा, विजु महरा, जय कुमार महरा, घवीद महरा, राज विशेर महरा, ताराचन महरा, हरीनारायण महरा, मालती देवी महरा, अशोक महरा, वासुदेव महरा, शिव महरा, महेन्द्रमहरा सानो, घुरन महरा, रामविलास महरा, अनुरोध महरा लगायतक घर जरल छल ।
सदरमुकाम जलेश्वर स करिब ४० किलोमिटर दुरीमे रहल ओही टोलमे अखैन खयबाक र रहबाक समस्या उत्पन्न भेल अछि । आगलगी स पिडित बनल जागेश्वर महरा रेडक्रस एउटा पाल देने अछि मुदा राति मे आयल बिहाडी, पानि आ पथ्थर स ओ नै थेग सकैत अछि ।
अग्नीपिडित स्थानीय सभ हमरा सभके सम्बन्धित निकाय रहबाक लेल मात्रे घर बनादेवाक माँग कयने अछि । पिडत स्थानीय युवा जागेश्वर महरा कहलैनि, ‘ हमरा सभके किछ नहि , घर मात्रै देत त भजाइत , हम सभ कमाइ के लेल सक्षम छी’ ।
आगलगी स खयबाक, रहबाक समस्या मात्रे टा नहि ओकरा सभके पहिचानके लेल रहल कागजात स सेहो जरि गेल अछि । नागरिकता बनेबाक लेल खटल टोलीमे नागरिकता बनौने ओ सभ अखैन ओ कागजात सभ के बनादेत एहिके सेहो खोजी क रहल अछि ।
एम्हर जिल्ला प्रशासन कार्यालय महोत्तरीक प्रशासकिय अधिकृत नागेन्द्र चौधरी ओकरा सभके दैवी प्रकोप उद्धार समितिद्वारा राहत देल गेल वतोलैनि । ओ एखैन सिडिओ साहब नै रहलाक कारणे ओ अओता त एहिके निर्णय कायल जायत जनतव देलैनि ।
दुःख लोकके स्वभावतः आक्रोशित बनादैत अछि । एहुमे दैविक प्रकोपमे परि वेघर भेल, दुःख पिडामे परल सभके राज्य संचालन करबाला निकाय नै देखैत अछि त वेश दुःख, आक्रोश आ पिडा होइत अछि । आ ओ आक्रोश आ पिडा जखैन माथ स उपर आबि जाइत अछि त ओ कोनो बाढीके रुप ललैत अछि आ एहि स कतेक तहस नहस होइत अछि तकर अनुमान करनाई कठिन भ जाइत अछि । ताईद्वारे सम्बन्धित निकायके एहि प्रति गम्भिर होनाई बड जरुरी भ गेल अछि । सम्बन्धित निकाय आ महोत्तरीमे रहि रहल संघसंस्था सभके तत्काले एहि प्रति सोचनाई बहुत जरुरी भ गेल अछि । आ राजनीतिकदल सभके सेहो एखुनक अवस्थामे ओकरा सभ प्रति ध्यान देनाई जरुरी अछि । ओही ठामक दृश्य देखला पर सम्बन्धित निकाय मानव प्रतिके सदाशयता विर्सेर गेल जकाँ महसुस होइत अछि । एक महिना भ चुकलाक वादो राज्य आ राज्य संचालन करबाला निकाय ओकरा सभ प्रति चाख नै रखने अछि । इ चाख नै रखनाई आ ओकरा सभके क्षतिपूर्ति नै देनाई मानवअधिकारके उल्लंघन अछि ।